मंगलवार, 25 मई 2021

मुहबरों में खान पान

 *हिंदी का थोडा़ आनंद लीजिए* ....*मुुस्कुराइए*

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*हिंदी के मुहावरे, बड़े ही बावरे हैं,*

*खाने पीने की चीज़ों से भरे हैं...*

*कहीं पर फल हैं तो कहीं आटा-दालें हैं,*

*कहीं पर मिठाई है, कहीं पर मसाले हैं ,*


*चलो, फलों से ही शुरू कर लेते हैं,*

*एक-एक कर सबके मज़े लेते हैं...*


*आम के आम और गुठलियों के भी दाम मिलते हैं,*

*कभी अंगूर खट्टे हैं,*

*कभी खरबूजे, खरबूजे को देख कर रंग बदलते हैं,*

*कहीं दाल में काला है,*

*तो कहीं किसी की दाल ही नहीं गलती है,*

*कोई डेढ़ चावल की खिचड़ी पकाता है,*

*तो कोई लोहे के चने चबाता है,*

*कोई घर बैठा रोटियां तोड़ता है,*

*कोई दाल भात में मसूरचंद बन जाता है,*

*मुफलिसी में जब आटा गीला होता है,*

*तो आटे दाल का भाव मालूम पड़ जाता है,*

*सफलता के लिए कई पापड़ बेलने पड़ते हैं,*

*आटे में नमक तो चल जाता है,*

*पर गेंहू के साथ, घुन भी पिस जाता है,*

*अपना हाल तो बेहाल है, ये मुंह और मसूर की दाल है,*

*गुड़ खाते हैं और गुलगुले से परहेज करते हैं,*

*और कभी गुड़ का गोबर कर बैठते हैं,*

*कभी तिल का ताड़, कभी राई का पहाड़ बनता है,*

*कभी ऊँट के मुंह में जीरा है,*

*कभी कोई जले पर नमक छिड़कता है,*

*किसी के दांत दूध के हैं,*

*तो कई दूध के धुले हैं,*

*कोई जामुन के रंग सी चमड़ी पा के रोई है,*

*तो किसी की चमड़ी जैसे मैदे की लोई है,*

*किसी को छटी का दूध याद आ जाता है,*

*दूध का जला छाछ को भी फूंक फूंक पीता है,*

*और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता है,*

*शादी बूरे के लड्डू हैं, जिसने खाए वो भी पछताए,*

*और जिसने नहीं खाए, वो भी पछताते हैं,*

*पर शादी की बात सुन, मन में लड्डू फूटते है,*

*और शादी के बाद, दोनों हाथों में लड्डू आते हैं,*

*कोई जलेबी की तरह सीधा है, कोई टेढ़ी खीर है,*

*किसी के मुंह में घी शक्कर है,* *सबकी अपनी अपनी तकदीर है...*

*कभी कोई चाय-पानी करवाता है,*

*कोई मक्खन लगाता है*

*और जब छप्पर फाड़ कर कुछ मिलता है,*

*तो सभी के मुंह में पानी आ जाता है,*

*भाई साहब अब कुछ भी हो,*

*घी तो खिचड़ी में ही जाता है, जितने मुंह है, उतनी बातें हैं,*

*सब अपनी-अपनी बीन बजाते हैं,*

*पर नक्कारखाने में तूती की आवाज कौन सुनता है, सभी बहरे है, बावरें है ये सब हिंदी के मुहावरें हैं...*


*ये गज़ब मुहावरे नहीं बुजुर्गों के अनुभवों की खान हैं...*

*सच पूछो तो हिन्दी भाषा की जान हैं..!!*

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