गुरुवार, 16 सितंबर 2021

एक थी बिट्टो रानी / सुभाष चंदर

 हिंदी की महत्वपूर्ण पत्रिका  'समकालीन भारतीय साहित्य' में हास्य कहानी 

एक थी बिट्टो रा

नी / सुभाष चंदर


एक लड़का और एक लड़की अगर  एक ही कॉलेज, एक ही क्लास और एक ही कोचिंग में पढ़ते हों । इश्किया फिल्में देखने के शौकीन भी हों और  प्रेम के देवी देवता गाहे बगाहे उनके दिल के दरवाजों की सांकल भी बजाते हों । उसके बाद  भी उन दोनों के बीच प्रेम ..इश्क.. लव जैसी कोई संभावना न बने तो यह कोई विश्वास करने लायक तो बात थी नहीं।  बस यूं समझिए, सावधानी हटने  और दुर्घटना घटने के इंतजार वाले मामला था।  बस जैसे ही इंतजार ख़तम हुआ, प्रेम की फिल्म चालू हो गई।सच कहें तो इसमें दोनों का कोई खास कसूर भी  नहीं था । लड़का अच्छा खासा स्मार्ट था। उसकी स्मार्टनेस में उसके ब्रांडेड कपड़ों के अलावा, नए ब्रांड के मोबाइल और महंगी मोटरसाइकिल का भी बड़ा हाथ था। आज के माहौल के हिसाब से यह सब नक्शेबाज़ी लड़के को  स्मार्ट  कहलाने की  की पूरी सुविधा प्रदान करती थीं।बाकी लड़के की नाक,कान आदि की गिनती भी पूरी थी । बस उसकी आंख में जरा सा  भेंगापन था जिसे उसने  ब्रांडेड चश्मे की सवारी गांठकर  ढक लिया था। इतनी सारी योग्यताएं होने के बावजूद, अगर लड़का आशिकी के ग्राउंड में कबड्डी ना खेलता तो  उसके लड़के होने और स्मार्ट होने पर धब्बा लग  जाने की पूरी संभावना थी।

 कुछ ऐसा ही मामला लड़की यानी बिट्टो रानी के साथ भी   था। बिट्टो रानी का  रंग  गोरा और दिमाग कोरा  था। अलबत्ता उसके दिल की पेन ड्राइव इश्किया  फिल्मों की स्टोरीज़ और उनके  डायलॉगों से ठसाठस भरी थी। ये सब गाहे-बगाहे उसे खुद की फिल्म का प्रोडक्शन करने के लिए उकसाते थे।सो कभी वह किसी  सुपात्र युवक को देखते ही आंखों को गिराने -उठाने की कवायद करती तो तभी पहले से सुलझी लटों को और सुलझाने की और कभी यूं ही किसी को देखकर शर्मा जाती तो कभी  मुस्कुरा भी  पड़ती । उसने सारे जतन करके देख लिए मगर उसे अपने मतलब का लव पार्टनर नहीं मिला।  पर उसने हिम्मत नहीं छोड़ी ,एक दिन उसकी प्रेमिल आंखों की वर्जिश का असली कद्रदान मिल ही गया।यह वही लड़का था जिसका हम ऊपर जिक्र कर चुके हैं।लडके के लव अकाउंट में इन दिनों कड़की चल रही थी।उसकी प्रेमिका नंबर सात सगाई हो जाने के कारण भूतपूर्व की पदवी को प्राप्त हो चुकी थी।सो उसे आशिकी के पार्टनर की सख्त जरूरत थी।उधर  बिट्टो रानी को भी कोई और नहीं मिल रहा था। एक दिन भगवान ने उन दोनों दुखी आत्माओं की सुन ही ली।हुआ यह कि एक दिन  क्लास में जब बिट्टो रानी अपनी आंखों को गिराने- उठाने की प्रैक्टिस कर रही थी तो उसने देखा कि उसकी क्लास का ही एक  लड़का उसे लगातार टकटकी लगाकर देखे जा रहा है। यह देखकर वह पहले सकपकाई, फिर शरमाई, फिर उसने आंखें झपका झपकाकर उसकी पूरी पर्सनैलिटी का अवलोकन किया,संतुष्ट होने के बाद उसने वहीं किया को उस ऐसे मौकों पर करना चाहिए था।  उसने लगभग दस मिनट लड़के को कनखियों से  देखा ।  फिर बाकायदा उसकी चश्मे के पीछे छिपी आंखों में आंखे डाल दीं। पहले राउंड में देखा देखी हुई,फिर,मोबाइल पर सुना सुनी हुई।  फिर मैसेंजर ,व्हाट्सएप से होती हुई यह यात्रा रेस्टोरेंट तक पहुंची।कहना न होगा कि अब दोनों लड़का -लड़की, बॉयफ्रैंड- गर्लफ्रैंड की पदवी को प्राप्त हो गए ।  

अब जैसा कि होता है छोटे शहरों के बगीचे में जब प्यार मोहब्बत के फूल खिलते हैं तो उनकी खुशबू आसपास के  भंवरों और मधुमक्खियों को पहले ही लग जाती है तो किसी भंवरे या मधुमक्खी ने आशिकी की यह कहानी मिर्च मसाला बुरककर लड़की के घरवालों की खिदमत में पेश कर दी।  

 खबर मिलते ही  घर में हंगामा मच गया।  मां ने अपने माथे पर हाथ मारा और गालियों से  बिट्टो रानी  की सेवा कर डाली । वहीं बाप ने यही काम एक झापड़ और जान से मार देने की धमकी के साथ संपन्न किया। जबकि छोटे भाई बहनों को कुछ तकनीकी कारणों से बहन की तरफ आंखें तरेरने  और बड़बड़ाने  से ही काम चलाना पड़ा।  इन सारी कार्रवाईयों का लब्बो लुआब यह रहा कि बिट्टो रानी ने उस लड़के से कभी न मिलने की कसम खा ली। कसम चूंकि विद्या रानी की थी सो घरवालों को विश्वास करना पड़ा। यह कसम पूरे चार दिन और सात घंटे टिकी । उसके बाद इश्क के कीड़े ने फिर काट खाया। अबकी बार बिट्टो रानी  और वो लड़का ना सिर्फ मिले बल्कि उन लोगों ने फैसला भी कर लिया कि वे इस जालिम दुनिया से कहीं दूर भाग जाएंगे । तय भी हो गया कि अगले हफ्ते ही बिट्टो रानी  अपने बाप की तिज़ोरी और मां के गहनों के संदूक का बोझ कम करेंगी । उसके बाद वे सपनों की नगरी मुंबई को आबाद करेंगे। इसके बाद सुबुक सुबुक और कसम खाऊ कार्यक्रम के  बाद दोनों विदा हो लिए।  लड़की के मां-बाप को यह खबर भी प्राप्त हो गई। उन्होंने पहले बिब्बो रानी की चौकसी शुरू कर दी फिर   लड़के के पीछे जासूस लगा दिए । जासूस जो खबर लेकर आए वह काफी सनसनी खेज थी। जासूसों ने बताया कि लड़का अपनी जमीन के मुआवजे के पैसे ठिकाने लगाने के अलावा जो दूसरा महत्वपूर्ण काम करता है वह काम इश्कबाज़ी का है। इस फील्ड में उसने काफी नाम कमाया है। उसकी  सात  पूर्व प्रेमिकाएं इस बात की गवाही दे रही थी। उसके अलावा वह  सिगरेट तंबाकू ,शराब  के सेवन  से लेकर थाईलैंड  की यात्रा तक का पुण्य कमा चुका है। इस सबके अलावा भी बड़ी खतरनाक जानकारियां मिलीं।  बिट्टो रानी  के घरवालों का माथा जो था वह ठनक गया। उन्होंने बिट्टो   की मां को उस समझाने की जिम्मेदारी सौंप दी।

मां ने समझाया । कहा ,"अरी मान जा  बिट्टो। क्यों अपनी ज़िन्दगी बर्बाद कर रही है।लड़का आवारा है ।उसके कई लड़कियों के साथ संबंध है।"w

बिट्टो रानी  गर्व से  बोली, - "तो क्या हुआ ,ये तो उसकी स्मार्टनेस की निशानी है।"

मां ने माथे पर हाथ मार  लिया,पिनपिनाकर बोली ," अरी लड़की,  वो  कमीना  शराब पीता है। सिगरेट गांजा,कुछ नहीं छोड़ता।बेटी  तेरी ज़िन्दगी बर्बाद हो जाएगी।"

पर बिट्टो रानी  ने इस बात का भी कोई खास नोटिस नहीं लिया ,बोली ,- "मां बड़े घर के लोगों में तो ये शौक होते ही हैं।पहले राजा महाराजा भी तो यही सब करते थे। "

 ऐसे ही मां   तीर चलाती गई,बेटी उन्हें थोड़े  आत्मविश्वास और ज्यादा बेशर्मी  की ढाल से रोकती गई। इसी प्रकार मां  के पास  बुराइयों के जितने थान रखे थे ,बिट्टो ने अपने खास तर्कों की कैंची से सब काट डाले ।

हारकर मां ने  एटम बम छोड़ दिया, बोली," अरी, तुझे पता भी है कि वो लड़का एक  शादी पहले ही कर चुका है। पहली घरवाली को उसने छोड़ रखा है।अब क्या तू उसकी दूसरी घरवाली बनेगी ?"

यह जानकारी बिट्टो रानी  के लिए भी नई थी और थोड़ी झटकेदार भी। वह विचलित होने ही वाली थी कि तभी  हिंदी फिल्मों के दृश्यों ने उसे संभाल लिया। सो उसने इश्क की माला एक बार और जपी और  इस सवाल का  भी जवाब दे दिया ,बोली ,"अम्मा मैं सब संभाल लूंगी।मुझसे  ब्याह करते ही वे उससे तलाक ले लेंगे। विश्वास करो प्यार में बहुत ताक़त होती है।" इस डायलाग के बाद  उसने आगे घोषणा कर दी , अम्मा, चाहे तुम कुछ भी कर लो , शादी तो मैं उसी लडके से करूंगी वरना...।"

उसकी इस घोषणा के पीछे चिपकी 'वरना' को सुनते ही मां पिनक गई।सो उसने पहले राउंड में उसे  दर्जनभर गालियां बकीं। फिर उसके बालों को खींच खींच कर उनकी मजबूती टेस्ट की ।आखिर में  कुछ दुहत्थड उसकी कमर पर रसीद किए  पर बिट्टो रानी  की सुई वहीं की वहीं अटकी रही । मां आखिर में अपने सर पर हाथ मार कर चुप बैठ गई। इसके बाद बाप ने ड्यूटी संभाल ली । उसने लड़की में तब तक तमाचे बरसाए जब तक कि जब खुद ही थक हार कर निढाल नहीं हो गया। कहना न होगा कि छोटे भाई बहनों की कोसा कोसी, हिकारत वगैरह को तो बिट्टो रानी  यूं ही घोलकर पी गई। पर इतने सारे गंभीर प्रयासों की  चटनी चाटने के बाद भी उसने इश्क का पहाड़ा पढ़ना नहीं छोड़ा।

यह दृश्य देखकर बाप ने एकाध  बार बेटी को उसके इश्क समेत गंगा जी में फेंकने, जहर माहुर खिलाकर राम नाम सत्य करने आदि  पर भी विचार किया पर बैरी  बुढ़ापे और सफेदपोशी ने इस विचार को अमली जामा नहीं पहनने  दिया। हारकर बाप मंदिर में जाकर भगवान जी को मनौती बोल आया कि भगवान इस लड़की से मुक्ति दिला दो, पूरे पांच सौ एक रुपए का प्रसाद चढ़ाऊंगा। अब भगवान जाने क्या हुआ , भगवान जी को उस पर दया आ गई या उन्हें थोक में प्रसाद का ऑफर लुभा गया या जो कुछ भी जैसे भी हुआ। बिट्टो रानी  के बाप को एकाएक याद आया कि उनका एक  साला भी है जो चाकूबाजी बल्कि यों कहें कि उस्तरेबाज़ी के चक्कर में कई बार जेल की रोटियां तोड़ आया है। विवाह के बाद थोड़ा सुधर गया है पर गाहे-बगाहे अब भी खुराफातों की फसलें काट लेता है। उसने अपनी बीवी  यानी बिट्टो रानी  की मां से मिस्कोट की। उसने अपने भैया और बच्चों के  मामा को फोन कर दिया । बहन भाई में बातें हुई । तय हुआ कि बच्चों का मामा आएगा और डरा धमका कर ,मारपीट  करके किसी भी तरीके से बिट्टो रानी के इश्क का भूत उतार देगा।

अगले दिन दोपहर 3:00 बजे तक मामा पधार  गया । उसने अपनी बहन और जीजा देखे ।बिट्टो रानी यानी लड़की देखी, लड़की की आंखों का विश्वास देखा। उसे समझ में आ गया कि लड़की के इश्क का जोड़ शुद्ध फेविकोल से लगा है आसानी से नहीं छूटेगा। फिर भी उसने रस्म निभाने के लिए अपनी तरफ से लड़की को  समझाया, हड़काया, फिर धमकाया  पर बिट्टो पर कोई फर्क नहीं पड़ा। वह इश्क की माला  ही जपती रही। यह सब देखकर मामा ने धीमे स्वर  में कुछ कहा जिसे सुनकर  मां की आंखें कानों तक फैल गई । वह रोने लगी। जबकि उसे सुनकर बाप ने सिर्फ इतना कहा,' जो चाहे कर लो पर मेरे घर की इज्जत को बचा लो' ।रास्ता साफ थाअब  जो कुछ करना था ,मामा को करना था।

 उसी रात को दस बजे मामा का काम शुरू हो गया।मामा उस्तरा लिए  के कमरे में घुसा।उसके पीछे पीछे लड़की का बाप ,मां और भाई थे। आते ही  मामा ने बिट्टो  के दोनों हाथों को जोर से पकड़ लिया।फिर  उसके भाई से बोला,"  मन्नू, जल्दी से इसके मुंह में कपड़ा ठूंस दें ।" मन्नू ने आज्ञा का पालन किया। फिर मामा अपने जीजा यानी बिट्टू बाप से मुखातिब हुआ, बोला",  जीजा उसके  पैर कस के पकड़ ले"। बाप ने बिट्टो  के पैरो को कसकर जकड़ लिया। बिन्नी ने छूटने को पूरा जोर लगा दिया। मामा जीजा को देखकर  चिल्लाया," जोर से पकड़ जीजा, तेरे खानदान की इज्जत का सवाल है, इसके लिए कुर्बानी तो देनी ही पड़ेगी। " कुर्बानी के नाम पर  के बाप और भाई के चेहरे  पर जहां कुर्बानी वाला तेज उभर आया ,वहीं बिट्टो  की मां की आंखों से बरसात शुरू हो गई।उसने अपने मुंह में अपनी साड़ी का पल्लू ठूंस लिया। ताकि सिसकियों के गमन का रास्ता बंद हो जाए।अब मामा ने उस्तरा उठा लिया और बिट्टो के सामने लहराया। उस्तरा देखते ही कुछ प्रतिक्रियाएं सामने आईं। बिट्टो ने भगवान को याद करना शुरू कर दिया। उसकी आंखें सफेद हो आईं। ।उसकी  मां की आंखों में दीनता नृत्य करने लगी, होठों से चीख का निकास होते होते बचा।  उधर लड़के के बाप और भाई की आंखों में खूनी लाली और बढ़ गई।  बस अभी उस्तरा चलेगा और लड़की समेत सारी आशिकी  खलास । सीधे नाक की प्लास्टिक सर्जरी का जुगाड़।  सर्जरी के बाद किसी को पता भी नहीं चलेगा कि नाक कटी भी थी या नहीं।वह सोच रहे थे ,साथ ही साथ भविष्य की एल्बम को फॉरवर्ड कर कर के देख भी रहे थे। इधर मामा अपना उस्तरा पैना  रहा था । मामा ने उसकी धार अंगुली से लगा कर चेक की फिर बिट्टो से सर्द स्वर में बोला, " लड़की आज के बाद तेरे इश्क की कहानी खत्म। अब देखता हूं कैसे भागती है तू उस आवारा लड़के के साथ।" यह सुनते ही बिब्बो रानी डर के मारे बेहोश हो गई।मामा यह देख कर संतुष्ट भया फिर उन लोगों की ओर मुंह करके बोला," सुनो तुम सब लोग अपनी आंखें बंद कर लो।  तुम यह दृश्य नहीं देख पाओगे और सुनो, जब मैं कहूं तभी अपनी आंखें खोलना।"

सबने धड़कते दिल से उसकी बात मान ली और आंखें बंद कर ली । मामा ने अपना काम शुरू कर दिया । थोड़ी देर तक मामा काम करता रहा। फिर उसने घोषणा कर दी कि अब सब अपनी आंखें खोल लो। लोगों ने खून सने दृश्य देखने की उम्मीद में जैसे ही आंखें खोली तो चौंक गए। बिट्टो रानी  के चेहरे पर तौलिया पड़ा था जिसके भीतर वह बाकायदा जिंदा थी ।उसकी बेहोशी टूट चुकी थी और  वह गों गों करके अपने जिंदा होने का सबूत  भी दे  रही थी। खून का कहीं नामोनिशान नहीं था । भाई ने शिकायत की नजरों से मामा की ओर देखा तो मामा ने शकुनी हंसते  हुए बिट्टो रानी  के चेहरे से तौलिया हटा दिया । दृश्य देखते ही सब चौंक पड़े ।नीचे बिट्टो रानी  का चेहरा पूरा साबुत था।आंख ,नाक,कान सबकी गिनती पूरी थी बस सिर के सफाचट था जिसकी गवाही सामने फर्श पर पड़े बाल दे रहे थे।मामा ने लड़की को घोटमुंडा बना दिया था। सभी मामा की और प्रश्नवाचक निगाहों से देख रहे थे।

मामा ने उनकी हालत देखी तो जोर से हंसा फिर बोला, "जीजा अब बिट्टो को  आजाद कर दो ,फिर बिट्टो से बोला ,"जाओ , बिट्टो अब तुम आजाद हो।जाओ जहां जाना है चली जाओ।" फिर जरा रुककर बोला ," पर जाने से पहले एक बार आईने में खुद को जरुर देख लियो।" इतना सुनते ही बिट्टू सीधी आइने की और भागी। कुछ देर बाद उसके जोर-जोर से चीखने और मामा को कोसने की आवाज आई। पर सिर्फ आवाज ही आईं, वह बाहर नहीं आई   जबकि दरवाजे खुले हुए थे। इस पर मामा खुद उसके पास पहुंचा।उसका  मोबाइल उसके हवाले कर दिया और बोला ," चल  अब इसी मोबाइल से अपनी सेल्फी ले और उस लड़के को भेज दे । बिट्टो ने फोटो ली और लड़के को भेज दी ।साथ में रोते रोते मेसेज लिखा-,'देखो, मेरे मामा ने मेरा क्या हाल किया है। मामा सोचता है कि मेरे टकले हो जाने पर तुम मुझसे शादी नहीं करोगे। बताओ तुम मुझसे शादी करोगे ना ? जल्दी बोलो ताकि मैं घर से भागकर तुम्हारे साथ जिंदगी बिता सकूं l  मेरा तुम्हारे बिना जीना बहुत मुश्किल होता जा रहा है l '

तुम्हारी और सिर्फ तुम्हारी

 बिट्टो रानी 


 लड़के ने व्हाट्सएप पर बिट्टो रानी   का बिना बालों वाला  फोटो देखा तो डर गया, उसके बाद उसने नीचे लिखी हुई इबारत पढ़ी तो थोड़ा और डर गया। इस डर के माहौल में ही उसने टकली बिट्टो रानी के साथ फोटो शॉप से अपना ज्वाइंट फोटो तैयार किया। उस  फोटो को देखते ही उसकी हालत और खराब हो गई । वह इतना डर गया कि उसके कांपते हुए हाथ बिट्टो रानी  को  जवाब में सिर्फ एक ही शब्द लिख पाए ,वह शब्द था - सॉरी। इसे लिख कर उसने  बिट्टो रानी का नंबर ब्लॉक पर लगा दिया और सिगरेट सुलगाकर नई गर्लफ्रेंड की संभावना पर विचार करने लगा। 

इधर बिट्टो रानी  ने अपने लंबे मैसेज के जवाब में छोटा सा सॉरी पढ़ा तो वह  भिनक गई । उसने लड़के को फोन मिलाया। पर फोन एक बार टिन टिन कर के कट गया। बिट्टो रानी समझ गई कि लड़के ने फोन ब्लॉक पर लगा दिया है। यह ज्ञान प्राप्त होते ही बिट्टो रानी  रो पड़ी।पहले राउंड में वह रोई,  दूसरे राउंड में उसने मामा को और तीसरे राउंड में उसने लड़के और उसके खानदान  को गलियाना  शुरू किया।

 उसके बाद भी वह कई महीने तक तीनों टाइम पूरे नियम से लड़के और उसकी पुश्तों को गलियाती रही।यह  गाली  वाचन कार्यक्रम   तब तक जारी  रहा जब तक कि उसके  सर पर चोटी करने लायक बाल नहीं आ गए ।  बिट्टो रानी के बालवती हो जाने के बाद, एक दिन उसकी मां ने उससे  शादी की बाबत पूछा तो उसने पहले मन ही मन उस लड़के को फिर से  गलियाया, पर हां की चिड़िया उसने तब भी ना उड़ाई।  बस चुप्पी की चादर ओढ़े पड़ी रही। मां ने पहले माथा ठोकने का काम संपन्न किया फिर अपने भाई यानी बिट्टो के मामा को फोन कर दिया। मामा अगले ही दिन अपनी पैंतालीस  किलो की काया , गज भर लंबी जुबान और छुटन्ने से उस्तरे के साथ पधार गया। आते ही उसने उस्तरा लहराते हुए बिट्टो से वही सवाल पूछा ,

" का बिटिया , हमारे कहने से ब्याह करोगी या फिर उसी शादीशुदा  लफंगे से ब्याह का राग अलापोगी ? जल्दी बोलो ,हमारा उस्तरा तैयार है , अबकी बार भौं भी मूंड देंगे ,समझी ? 

 इतनी बड़ी धमकी के बाद भी , बिट्टो कुछ ना बोली ।बाप ने हड़का कर पूछा ,तो भी चुप्पी ओढ़े रही।

 फिर भाई ने भिनभिना कर पूछा। पहले  तो बिट्टो कुछ सोचती रही ,फिर बोली ," जो कहोगे ,वो मान लेंगे ? पर हमारी एक शर्त है।"

शर्त की बात सुनते ही भाई के गालों में भटूरे की हवा भर गई।

 फिर भी वह पिनपिनाकर बोला ," बक ,जल्दी क्या है तेरी शर्त ?"

बिट्टो ने उसकी नाराज़गी को कोई भाव नहीं दिया और  रहस्य भरे स्वर में बोली ,  ला, अपने काम इधर ला ।"

भाई नमक के लड्डू निगलते हुए, अपने कानों समेत उसके पास पहुंचा। बिट्टो ने उसके कान में कुछ फुसफुस की।भाई का बंद  मुंह खुल गया । वह खुशी से उछल गया । इसी उछलाहट में बोला , बिट्टो, तू सच बोल रही है ना ?

बिट्टो ने उसके सर पर हाथ रख दिया और अपने कमरे में प्रस्थान कर गई।

उसके जाते ही भाई ने बिट्टो की फुसफुस पहले मां के कानों में ट्रांसफर की। मां ने पिता के । आखिर में  मामा का नंबर आया । सबने अपने अपने कपड़े से  खुशी जाहिर करने का काम संपन्न किया । मां ने मन ही मन भगवान का प्रसाद बोला । बाप ने अलबत्ता  दोस्तों के साथ शाम की पार्टी का निर्णय लिया तो मामा ने चिरमिटी सी मूंछों पर ताव दिया और फिर उस्तरा पत्थर पैनाने लगा।क्या पता कल जरूरत पड़ जाए। 


अगले दिन कॉलेज के गेट के बाहर एक कार और उसके पीछे पीछे दर्जन भर मोटरसाइकिलें आकर रूकी। कार में  साक्षात बिट्टो रानी और मामा विद्यमान थे जबकि मोटरसाइकिलों पर भाई और उसके  दोस्त हाॅकियों  समेत मुस्तैद थे।

अब आगे आगे बिट्टो रानी और पीछे पीछे सारी फौज। बिट्टो के नेतृत्व में ऑपरेशन  हीरो खोज अभियान शुरू हुआ । पर कॉलेज में कहीं हीरो के दर्शन नहीं हुए। पर जैसे ही वे कॉलेज के गेट पर वापस आए। तभी हीरो महाशय भी अपनी महंगी मोटरसाइकिल औेर एक कन्या के साथ नमूदार हुए। कन्या निसंदेह उनकी नयी प्रेमिका की पोस्ट संभाल रही थी।इसकी  गवाही मोटरसाइकिल की सीट भी दे रही थी जिसमें दोनों के बीच में हवा के आने की भी  गुंजाइश नहीं छोड़ी गई थी।यह दृश्य देखकर बिट्टो रानी के कलेजे पर मीटर भर लंबा सांप फुफकार  गया। बस  बिट्टो का दिमाग घूम गया।उसने पहले भाई और उसकी टीम को इशारा किया। टीम ने हीरो के चारो ओर घेरा बना लिया।  उसके बाद बिट्टो रानी  सधे हुए कदमों से हीरो के सामने पहुंची।हीरो महाशय देखते ही सकपका गए। उनके पास जो भी   सिट्टी  और पिट्टी नाम की चीजें  थीं ,वे यकायक कहीं  गुम हो गईं। उन्होंने भागने के लिए पतली गली की तलाश करनी चाही पर बिट्टो की फौज ने तो सड़क घेर रखी थी,गली का रास्ता कहां मिलता ? अब तो हीरो के चेहरे पर पूरे साढ़े तीन बज गए। उन्होंने  बिट्टो रानी से अस्फुट स्वरों में कुछ माफी जैसा मांगा जिसके जवाब में बिट्टो  ने अपनी चप्पल निकाल ली और दनादन हीरो की खातिर करनी शुरू कर दी। हीरो के साथ वाली कन्या इस दृश्य को देखकर बिट्टो  पर बिफर  पड़ी। उसने इस कार्य में व्यवधान डालने की कोशिश की तो पहले बिट्टो ने उसके  झोटे पकड़कर,उसे  तीन चार झटके दिए। फिर उसके  कान के पास मुंह ले  जाकर बोली  ," क्यों री , ज्यादा नौटंकी मत कर ।तुझे पता भी है कि ये शादीशुदा है ?" उसके बाद भी वो जाने क्या बोलती रही । कन्या के चेहरे के रंग बदलते रहे। बिट्टो की बात खत्म होते ही कन्या ने पहले तो "नहीं ...नहीं.. ऐसा नहीं हो सकता' का जाप किया । फिर उसने हीरो का गिरेबान पकड़कर  उससे  कुछ पूछा ,हीरो ने शर्म से चेहरा झुका लिया। बस अब कन्या के पैरों से भी उसकी चप्पल निकल आई ।अब उसने भी हीरो की सुताई में अपना योगदान देना शुरू कर दिया । कुछ ही देर में हीरो महाशय की हालत खस्ता हो गई। उसके होठों से चीखें  और बदन से पकौड़ियां उभरने लगी।हीरो ने बचकर भागने की कोशिश की पर आसपास काफी भीड़ जमा थी। बचकर निकलना संभव न था। बिट्टो की फौज के कुछ सिपाही आराम से वीडियो बनाने में जुटे थे। यह देखकर हीरो की हालत और खराब हो गई।उसने आखिरी हथियार फेंकने की कोशिश की । किनमिनाता हुआ बोला ,"याद रखना बिट्टो , मैं तुम्हे छोडूंगा नहीं। तुम जानती हो ना, मैं क्या कर सकता हूं।" अपनी जान में तो उसने बहुत बड़ी धमकी दी थी, बिट्टो को डर जाना चाहिए था।पर पता नहीं क्यों, वह नहीं डरी उल्टे इस बात को सुनते ही उस में मरखनी गाय की आत्मा प्रवेश कर गई।उसने अपने हाथों को सींग जैसा बनाया और उनसे हीरो को धकिया दिया। वह जमीन पर गिर गया । उसके बाद बिट्टो  ने  लात घूंसो से उसकी सेवा की। इस सेवा से थक जाने  के बाद गरजकर बोली," सुन बे हीरो, तू क्या करेगा।पता नहीं ।पर ये जो तेरी पिटाई के वीडियो बन रहे हैं।इनका अचार ना पड़ेगा । इनकी एक कॉपी जाएगी तेरी बीवी को ,तेरे घरवालों को और एक जाएगी तेरे ससुराल वालों को । बाकी की कॉपी कॉलेज के स्टूडेंट्स में सर्कुलेट होंगी। सब को मालूम पड़ना चाहिए ना कि तू शादी शुदा होकर लड़कियों की ज़िन्दगी तबाह कर रहा है । " यह सुनते ही हीरो पर माफी मांगने का दौरा पड़ गया। वह रिरियाते हुए बोला," बिट्टो मुझे माफ़ कर दे। वीडियो कहीं मत भेजियो ,वरना मैं बर्बाद हो जाऊंगा।"कहकर वह बिट्टो के पैर पकड़ने लगा। इसके जवाब में बिट्टो रानी ने कसकर एक लात हीरो को जमा दी ।हीरो की नाक जमीन से माफी मांगने लगी।यह पवित्र दृश्य देखकर बिट्टो की आत्मा प्रसन्न हो गई। वह आगे बढ़ गई।उसके जाने के बाद  सेना ने अपने- अपने हिस्से की पिटाई पूरी की। यह काम हीरो के बेहोश हो जाने तक चलता रहा।इसके बाद सेना ने अपने ठिकानों की तरफ कूच कर दिया ।

आगे की कहानी में  बस इतना जुड़ा कि हीरो ने पहले तो अपनी मरहम पट्टी कराई । उसके बाद वह अपने गांव सिधार गया।  फिर वह उस कॉलेज में तो क्या शहर में भी नजर नहीं आया।

और अब सुनो बिट्टो  रानी की।

  कालांतर में   बिट्टो रानी को  राजकुमार नाम के आढ़ती लाला  से विवाह  करके लालाइन बनने का   सौभाग्य मिला। कुछ वर्षों के बाद उसने लाला के  पांच बच्चों की अम्मा बनने का गौरव भी प्राप्त  किया।अब वह बड़े नियम धर्म से  करवा चौथ का व्रत रखती है और टीवी - फिल्मों में प्यार करने वाले लड़के लड़कियों को देख कर उन पर खूब लानत बरसाती है।


भगवान,  तुमने जैसे बिट्टो रानी के दिन फेरे,ऐसे सबके फेरियो। 


मोब :9311660057

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