शनिवार, 3 दिसंबर 2022

अनूठा है ‘साउथ-ईस्ट एशिया रामायण रिसर्च सेंटर’


जब भी असम जाती हूं तो कोशिश होती है कि एक बार डा. इंदिरा गोस्वामी जी के घर जरूर जाऊं और साउथ-ईस्ट एशिया रामायण रिसर्च सेंटर में अध्ययनरत शोध छात्रों और उनके परिजनों से उनकी अन्य किताबों के बारे में और अधिक जान सकूं। पिछले वर्ष आज के ही दिन में वहां गई थी। गुवाहाटी जाती हूं तो मां कामाख्या, जाने-माने समाजसेवी हेमभाई जी के आश्रम, वरिष्ठ पत्रकार रविशंकर रवि और मामोनी बाइदौ के अलावा मेरे कुछ अनन्य मित्रों से जरूर मिलती हूं। इस बार काफी कष्ट में थी क्योंकि 3-4 दिन पहले नगांव, असम में मेरा एक बड़ा एक्सीडेंट हो गया था। ‘बड़ा’ इसलिए कहा कि उसके पहले याद नहीं पड़ता, कभी चक्कर आया हो या इतनी अधिक चोटें एक साथ आईं हो और रोकर किसी अपने को बताऊं, ऐसा कोई नहीं था वहां। क्योंकि मैं तो सोलो ट्रैवलर की तरह नागालैंड और असम की यात्रा पर निकली थी। खैर, न्यूज-18 में कार्यरत मेरे बंधु नीलोत्पल बोरा के घर रुकी| उन्होंने, उनकी पत्नी और मेरी मित्र सुजाता, उनकी माता जी आदि ने मेरा बहुत बहुत ख्याल रखा। इसके लिए मैं उनकी ताउम्र आभारी रहूंगी।  🙏🙏

#mamtasinghmedia  Nilutpal Z Borah Ravishankar Ravi Sujata Pujari Borah Minu Borah

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