गुरुवार, 2 अप्रैल 2020

कविता / स्वामी प्यारी कौडा



।।स्वर्णिम इतिहास।।

समय की धारा लिख रही स्वर्णिम इतिहास दयालबाग का।

सुपरफास्ट हो रहा है विकास दयालबाग का।।
दाता जी की रासलीला की धूम है चारों ओर।
घूम रहा है बूढ़ा बच्चा वीरांगनाएं दाता के चारों ओर।।

फ़िक्र नहीं कोरोना की चिंता रात दिन की। मैसेज जब आता है चल देते हैं हम सभी।।
मालिक ने आने वाला विकट समय जता दिया।अपने प्यारे बच्चों को मुश्किलों से लड़ना सिखा दिया।।

रा- धा -स्वा -मी का जाप कैसे करना है सिखा दिया।इस मंत्र का क्या असर होगा सरेआम बता दिया।।

उपदेश राधास्वामी मत का सबको दोहरा दिया।इस नाम की शक्ति का अहसास करा दिया।।

दिन रात आठों पहर हो रही है दया की बरखा।अमृत की मिल रही सौगात की है चर्चा।।

लूटने वाले दोनों हाथों से लूट रहे रात दिन।खुला है दरबार दया का यह सबको बता दिया।।

दया की धारा बह रही है प्रबलतम
नूर ही नूर से भर रहा सत्संग जगत।
नूरानी बाना पहने सुपरमैन का काफिला बना दिया।।       
                                  वीरांगनाओं को झांसी की रानी सा संकर्षण बना दिया।शुकराने मेें उन दयाल के बस सिर झुका रहे।।                                           
उनकी दया वा मेहर का सागर उमड़ता रहे। न बन पाए कोई ऐसा काम जो उनको न हो मंजूर।।

मेरे दाता देना यह बख्शीश उनसे मांग यह लिया।।     
                                !!
 राधास्वामी!!
राधास्वामी


स्वामी प्यारी कौड़ा

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