बुधवार, 22 अप्रैल 2020

आगरा में कोरोना और राधास्वामी संतमत दयालबाग





प्रस्तुति - स्वामी शरण /
आत्म स्वरूप /संत शरण

*Coronavirus in Agra:*

 *पढ़िए अंदर की बात :*

- (वरिष्ठ पत्रकार बृजेन्द्र पटेल की फेसबुक वॉल से साभार)

*Agra (Uttar Pradesh, India)।*
            जब नासमझ अफसरों के हाथ में आगरा जैसे शहर की कमान सौंप दी जाएगी तो आगरा को बुहान बनने से हुकूमत को क्या ईश्वर भी नहीं रोक सकता। यकीनन कोरोना संक्रमण की जैसी महामारी आगरा में फैली है, कुछ वक्त बीतने के बाद यहां चारो तरफ हाहाकार होगी। इसका अंदाजा इस बात से लगाइए, शहर के डाक्टर घर बैठ गए हैं। प्राइवेट हो या सरकारी अस्पतालों में कोरोना तो दूर दीगर रोगों का इलाज भी बंद हो गया है। ऐसे बद से बदतर हालात आजादी के सात दशक में किसी ने कभी नहीं देखे।

*"सत्संगी जागते रहे",*
                   *हुकूमतें सोती रहीं*

           जनवरी माह में कोरोना संक्रमण को लेकर मुल्क की हुकूमतें कुंभकरणी नींद सो रही थीं तब
*आध्यामिक केंद्र दयालबाग में सत्संगी जाग रहे थे। राधास्वामी सत्संग सभा के धर्म गुरू प्रो. पी एस सत्संगी साहब ने जनवरी माह में एक दिन सत्संग में सिर पर हेलमेट, मास्क, दस्ताने पहने। उस दिन उनका पूरा प्रवचन कोरोना वायरस पर केंद्रित रहा। प्रो. सत्संगी साहब ने बताया कि किस तरह कोरोना वायरस मानव समाज के लिए खतरा है और यह महामारी बनकर दुनिया तवाह कर देगी। इससे कैसे बचा जा सकता है। चूंकि कोरोना का वायरस हवा में तैरकर कपड़े, खुले शरीर की त्वचा और सिर के बालों पर चिपकता है। लिहाजा बचाव के लिए सत्संगी भाई हेलमेट पहनकर घर से निकलें और घर वापसी पर ही सिर से हेलेमेट उतारें। घर से बाहर किसी से भी फासले से मिलें। सफाई पर ध्यान दो। बार-बार हाथ धोंयें और गर्म पानी पिएं।*

           *राधास्वामी मत के पहले गुरू परम पुरूष पूरन धनी स्वामीजी महाराज की पोथी में इसका जिक्र है कि कैसे एक वायरस खतरा बनेगा और इससे बचने के लिए सबसे पहले "मन से कपट" निकालना होगा। मालिक के इस फरमान का असर दयालबाग के सत्संगियों पर त्वरित गति से दिखा। यहां सत्संगी हेलमेट लगाए दफ्तर, कार, पैदल और रिक्शे में दिखे तो बाकी आगरा वालों ने इनका मजाक उड़ाया। सत्संगियों से इसकी परवाह किए बगैर कोरोना वायरस को लेकर जागरुकता फैलाने का अभियान जारी रखा।*

              यह बात मेरे भी जेहन में आई, *प्रो सत्संगी खुद वैज्ञानिक और शिक्षाविद हैं।* मैं विज्ञान का छात्र रहा हूं लिहाजा उनके आध्यामिक पक्ष को दरकिनार करते हुए वैज्ञानिक पक्ष को ही आधार बनाकर जनवरी माह में कोरोना पर खबरें लिखी।
             जो संत्संगी डाॅक्टर हैं, इंजीनियर, शिक्षाविद और आईएएस, जो छह जिलों में डीएम रह चुके हैं, उनके कोरोना संक्रमण से बचाव करते हुए फोटो और बर्जन के साथ *हिन्दुस्तान अखबार* में खबरें छपीं।

          *दयालबाग के सरन आरश्र अस्तपाल में चिकित्सकों ने कोरोना से बचाव के लिए होम्योपैथी की दबाइयों का चयन कर लिया। यहां डाॅ सिद्धार्थ अग्रवाल की देखरेख में कोरोना से बचाव के लिए इमरजैंसी सेवा का सेंटर खोल दिया गया। पूरे दयालबाग में राधास्वामी सत्संग सभा द्वारा कोरोना से बचाव के लिए जारी गाइड लाइंस का पालन किया जाने लगा।*

*केंद्रीय हिंदी संस्थान और दयालबाग को छोड़कर* पूरा आगरा कोरोना संक्रमण की चपेट में है।

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