#विश्वरंग मंच दिवस
प्रभाकर श्रोत्रिय के संम्पादन में मार्च-अप्रैल 2002 का वागर्थ का यह अंक हिन्दी रंगमंच और नाटक पर केंद्रित था.
प्रभाकर जी ने इस अंक में महानगरों के साथ छोटे-छोटे अनेक नगरों की रंगयात्रा को भी शामिल किया था,जिससे हिन्दी रंगमंच के विकास को विशद रूप से समझा जा सके.
उन दिनों मैं उन्नाव में था.उन्होने मुझसे भी उन्नाव के रंगमंच की यात्रा पर लिखवाया था.
सामान्यतया हिंदी पत्र -पत्रिकाओं के लिये रंगमंच और नाटक का अधिक महत्व नही होता.
जब महत्व ही नही,तो काहे का दायित्व कि साल, दो साल या दस साल मे ही सही,एक अंक रंगमंच और नाटक पर केंद्रित कर दिया करें.
हे संपादक !
नाटक साहित्य का ही अंग होता है.
फिलहाल विश्व रंगमंच दिवस की बधाई.
#WorldTheatreDay
#नाटक
#रंगमंच
#एकदाउन्नावनगरे
Prayag ShuklaDevendra Raj Ankur
Sheokesh Mishra
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