प्रस्तुति *पं0 कृष्ण मेहता**
नवरात्रि के द्वितीय दिवस पर लिजिए आप के लिए प्रस्तुत है
*बीजाक्षरों का संक्षिप्त कोष*
आशा है यह आपके लिए संग्रहणीय होगा।
*ऊँ* —प्रणव, ध्रव, तैजस बीज है।
*ऐं* —वाग् और तत्त्व बीज है।
*क्लीं* —काम बीज है।
*हो* —शासन बीज है।
*क्षि* —पृथ्वी बीज है।
*प* —अप् बीज है।
*स्वा* —वायु बीज है ।
*हा:* —आकाश बीज है।
*ह्रीं* —माया और त्रैलोक्य बीज है।
*क्रों* —अंकुश और निरोध बीज है।
*आं* —फास बीज है।
*फट्* —विसर्जन और चलन बीज है।
*वषट्* —दहन बीज है।
*वोषट्* —आकर्षण और पूजा ग्रहण बीज है।
*संवौषट्* —आकर्षण बीज है।
*ब्लूँ* —द्रावण बीज है।
*ब्लैं* —आकर्षण बीज है।
*ग्लौं* —स्तम्भन बीज है।
*क्ष्वीं* —विषापहार बीज है।
*द्रां, द्रीं, क्लीं* ब्लूँ, स:* —ये पांच बाण बीज हैं।
*हूँ* —द्वेष और विद्वेषण बीज है।
*स्वाहा* —हवन और शक्ति बीज है।
*स्वधा* —पौष्टिक बीज है।
*नम:* —शोधन बीज है।
*श्रीं* —लक्ष्मी बीज है।
*अर्हं* —ज्ञान बीज है।
*क्ष: फट्* —शस्त्र बीज है।
*य:*—उच्चाटन और विसर्जन बीज है।
*जूँ* —विद्वेषण बीज है।
*श्लीं* —अमृत बीज है।
*क्षीं* —सोम बीज है।
*ह्वं* —विष दूर करने वाला बीज है।
*क्ष्म्ल* — पिंड बीज है।
*क्ष* —कूटाक्षर बीज है।
*क्षिं ऊँ स्वाहा* —शत्रु बीज है।
*हा:* —निरोध बीज है।
*ठ:* —स्तम्भन बीज है।
*ब्लौं* —विमल पिंड बीज है।
*ग्लैं*—स्तम्भन बीज है।
*घे घे* —वद्य बीज है।
*द्रां द्रीं* —द्रावण संज्ञक है।
*ह्रीं ह्रूँ ह्रैं ह्रौ ह्र:* —शून्य रूप बीज हैं।
मंत्र की सफलता साधक और साध्य के ऊपर निर्भर करती है ध्यान के अस्थिर होने से भी मंत्र असफल हो जाता है। मन्त्र तभी सफल होता है, जब श्रद्धा भक्ति तथा संकल्प दृढ़ हो। मनोविज्ञान का सिद्धान्त है कि मनुष्य की अवचेतना में बहुत सी आध्यात्मिक शक्तियां भरी रहती हैं। इन्हीं शक्तियों को मंत्र द्वारा प्रयोग में लाया जाता है। मंत्र की ध्वनियों के संघर्ष द्वारा आध्यात्मिक शक्ति को उत्तेजित किया जाता है। इस कार्य में अकेली विचार शक्ति काम नहीं करती है। इसकी सहायता के लिये उत्कट इच्छा शक्ति के द्वारा ध्वनि संचालन की भी आवश्यकता है। मंत्र शक्ति के प्रयोग की सफलता के लिये नैष्ठिक आचार की आवश्यकता है। मंत्र निर्माण के लिए *ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूँ ह्रौं ह्र: ह्रा ह +स: क्लीं द्रां द्रीं द्रँ द्र: श्रीं क्षीं क्ष्वीं र्हं क्ष्वीं र्हं अं फट् वषट् संवौषट घे घै य: ख ह् पं वं यं झं तं थं दं* आदि बीजाक्षरों की शक्ति काम करती है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें