मंगलवार, 17 अगस्त 2021

मोबाइल होता

 वह प्राइमरी स्कूल की टीचर थी |  


सुबह उसने बच्चों का टेस्ट लिया था और उनकी कॉपिया जांचने के लिए घर ले आई थी | 


बच्चों की कॉपियां देखते-देखते उसके आंसू बहने लगे | उसका पति वहीं लेटे-लेटे मोबाइल देख रहा था |  


उसने रोने का कारण पूछा । 


टीचर बोली , “सुबह मैंने बच्चों को  

‘मेरी सबसे बड़ी ख्वाईश ’ विषय पर कुछ  पंक्तियाँ लिखने को कहा था ; 


एक बच्चे ने इच्छा जाहिर की है कि- भगवन उसे  "मोबाइल" बना दे | 


यह सुनकर पतिदेव हंसने लगे | 

टीचर बोली , “आगे तो सुनो बच्चे ने लिखा है-


यदि मैं mobile बन जाऊंगा, तो घर में मेरी एक खास जगह होगी और  

सारा परिवार मेरे इर्द-गिर्द रहेगा |  

जब मैं बोलूँगा, तो सारे लोग मुझे ध्यान से सुनेंगे | 

मुझे रोका टोका नहीं जायेगा 

और नहीं उल्टे सवाल होंगे |  


जब मैं mobile बनूंगा, तो पापा ऑफिस से आने के बाद थके होने के बावजूद मेरे साथ बैठेंगे | 


मम्मी को जब तनाव होगा, 

तो वे मुझे डाटेंगी नहीं, बल्कि मेरे साथ रहना चाहेंगी | 


मेरे बड़े भाई-बहनों के बीच मेरे पास रहने के लिए झगड़ा होगा |  


यहाँ तक की जब mobile बंद रहेंगा, तब भी उसकी अच्छी तरह देखभाल होगी |  


और हाँ, mobile के रूप में मैं सबको ख़ुशी भी दे सकूँगा | “ 


यह सब सुनने के बाद पति भी थोड़ा गंभीर होते हुए बोला -


 ‘हे भगवान ! बेचारा बच्चा …. उसके माँ-बाप तो उस पर जरा भी ध्यान नहीं  देते !’ 


टीचर पत्नी ने आंसू भरी आँखों से  

पति की तरफ देखा और बोली-


“जानते हो, यह बच्चा कौन है? …हमारा अपना बच्चा…… 


.. हमारा छोटू |” 


सोचिये, यह छोटू कहीं आपका बच्चा .... 

तो नहीं । 


आज की भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी में हमें वैसे ही एक दूसरे के लिए कम वक़्त मिलता है , और अगर हम वो भी सिर्फ टीवी देखने , मोबाइल पर खेलने और फेसबुक से चिपके रहने में गँवा देंगे तो हम कभी अपने रिश्तों की अहमियत और उससे मिलने वाले प्यार को नहीं समझ पायेंगे। 


शिक्षा  : कृपया अपने कीमती समय से कुछ समय परिवार के साथ भी बितायें।


🙏

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