हम भारत के लाल हैं
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हम भारत माँ के लाल हैं,
हृदय बड़ा हीं विशाल है,
समुद्र सी गहराई मुझमें,
ऊँचाई हिमालय सा वेमिशाल है।
हम मित्रों के लिए मित्र हैं,
दुश्मन के लिए महाकाल हैं,
ओज हममें श्रीराम का,
ऊँचा यह मेरा भाल है।
मजाल है कोई ऑख दिखाये,
ऑख दिखाकर बच भी जाये,
नहीं रहेगा वह इस धरा पर,
भारतीय अस्मिता का सवाल है।
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प्रेम की एक पाती
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प्रेम की एक पाती लिखो,
देश के वीर जवानों के नाम,
माता-पिता सकुशल तुम्हारे,
वेफिक्र हो करो अपना काम।
प्रेम की एक पाती लिखो...।
बीबी तुम्हारी सदैव राह देखती,
लेती सुबह-शाम तेरा नाम,
करती दुवा वह अपने ईश से,
करो दुश्मन का काम तमाम।
प्रेम की एक पाती लिखो...।
वीर पिता के पुत्र हो तुम,
देश को तुमपर नाज,अभिमान
कभी डगमगाये नहीं तेरे कदम,
देना अपने फर्ज को अंजाम।
प्रेम की एक पाती लिखो...।
यह देश वलिदान मांगता,
मांगता यह तन-मन प्राण,
नहीं समझो कमजोर खुद को,
दुश्मन को दो यह पैगाम।
प्रेम की एक पाती लिखो...।
बढ़ रहा दुश्मन अपने सीमा पर ,
लगा दो तुम उसपर लगाम,
चीर दो सीना दुश्मन का,
तब लो तुम चैन,विश्राम।
प्रेम की एक पाती लिखो...।
कभी खुद को अकेला नहीं समझो,
यह कवि"अकेला"तेरे साथ सुबह-शाम,
तुम हो माँ भारती के लाल,
करती सैल्युट तुझे सारी आवाम।
प्रेम की एक पाती लिखो...।
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यह है मेरा हिन्दुस्तान
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आओ नमन करें इस देश को,
गायें इसकी कीर्ति यशगान,
यहीं पर सारे धर्म हैं रहते,
पढ़ते गीता,बाइबिल, कुरान।
यह है मेरा हिन्दुस्तान,
यह है मेरा हिन्दुस्तान।
दुनिया में कहीं सुन्दर नहीं है,
मेरे भारत सा कोई महान,
कई देश इसकी महिमा गाते,
करते हैं इसका सम्मान।
यह है मेरा हिन्दुस्तान,
यह है मेरा हिन्दुस्तान।
वीरों से भरी इसकी धरती,
संत, फकीरो का पवित्र स्थान,
दूर देश से लोग मिलनें आते,
देते हैं इन्हे सदाआदर मान,
यह है मेरा हिन्दुस्तान,
यह है मेरा हिन्दुस्तान।
गर दुनियाँ में देखना हो भाईचारा,
आयें अपने इस हिन्दुस्तान,
यहीं पर सारे धर्म पलते,
हिन्दु, सिख,इसाई,
मुसलमान।
यह है मेरा हिन्दुस्तान,
यह है मेरा हिन्दुस्तान।
बौद्ध धर्म का यहीं उदय हुआ,
भगवान बुद्ध को मिला यहीं गयान,
जैन धर्म यहीं फ़ले फूले,
हुआ महावीर का यहीं निर्वाण।
यह है मेरा हिन्दुस्तान,
यह है मेरा हिन्दुस्तान।
दुनियाँ को गयान दिया हमने,
सब धर्म का मान दिय़ा हमने,
नहीं करते हम दादागिरी,
इसलिए सदा है मैरी शान।
यह है मेरा हिन्दुस्तान,
यह है मेरा हिन्दुस्तान।
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तेरे लिये निकले मेरा प्राण
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हे वतन,मेरा कतरा- कतरा,
रहेगा तुझपर सदा कुर्बान,
लहराता रहे हरपल ये तिरंगा
अमिट रहे मेरे देश की शान।
तेरे लिये मैं जीऊँ सदा,
रहे तुझपर सदा अभिमान,
रहे मेरा यह देश सलामत,
तेरे लिये निकले मेरा प्राण।
बार बार जन्म लूँ इस धरा पर,
बढ़ाऊं सदा इस देश का मान,
इतनी शक्ति हमें देना दाता,
जन-जन का कर सकूँ कल्याण।
रही बचपन से"अकेला" की इच्छा,
नहीं हो कभी मेरे देश का अपमान,
रहे अखंड,अक्षुण्ण मेरा भारत,
करें शहीदों,वीरों का सम्मान।
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तिरंगा लहराया
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आज खुशी का शुभ,पावन दिन है,
हम सबका स्वतंत्रता दिवस आया,
हम खुशी से फुले नहीं समाये,
जब मेरा यह तिरंगा लहराया।
उठा जब मैं सुबह सबेरे ,
मेरा यह तन-मन हर्षाया,
खिल उठी मेरे की बगीया,
जब बिश्व विजयी तिरंगा लहराया।
पंछी लगे खुशी से चहकने,
आज हर जीव-जंतु मुस्कराया,
ये धरा-गगन भी कितना खुश है,
जब नील गगन में तिरंगा लहराया।
अकेला का मन भी झूम उठा है,
इस धरा को चूम उठा है,
आज मेरी खुशी के क्या है कहने,
जब चहुँओर तिरंगा लहराया।
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अरविन्द अकेला
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