रविवार, 1 अगस्त 2021

घरेलू उपचार

कृष्ण मेहता:


दमा :


लगभग 75 ग्राम भुना हुआ सुहागा 100 ग्राम शहद में मिला ले इसे सोते समय 1 चम्मच की मात्रा में लेकर चाटने से श्वास रोग (दमा) में बहुत लाभ होता है।


लगभग 30 ग्राम पिसे हुए सुहागे को 60 ग्राम शहद में मिलाकर रख दें। कुछ दिनों तक 3 अंगुली भर चाटते रहने से श्वास रोग (दमा) खत्म हो जाता है।


सुहागे का फूला और मुलहठी को अलग-अलग पकाकर या पीसकर कपड़े में छानकर बारीक चूर्ण बना लें और फिर इन दोनों औषधियों को बराबर मात्रा में मिलाकर किसी शीशी में सुरक्षित रख लें। आधा ग्राम से 1 ग्राम तक इस चूर्ण को दिन में 2-3 बार शहद के साथ चाटने से या गर्म पानी के साथ लेने से दमा के रोग में लाभ मिलता है। बच्चों के लिए लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा या आयु के अनुसार कुछ अधिक दें। इसका सेवन करने से श्वास (दमा), खांसी तथा जुकाम नष्ट हो जाता है। इस औषधि का सेवन करते समय दही, केला चावल तथा ठंडे पदाथों का सेवन नहीं करना चाहिए।

बालों के रोग :


20 ग्राम सुहागा और 10 ग्राम कपूर को 50 ग्राम उबले पानी में मिलाकर हल्के गर्म पानी के साथ धोने से बाल मुलायम तथा काले हो जाते हैं।


5 ग्राम सुहागा और 10 ग्राम कच्चे सुहागे को 250 ग्राम पानी में डालकर उबाल लें। इसके ठंडा होने पर बालों को धोने सें बाल मजबूत बनते हैं।

[8/2, 06:59] Morni कृष्ण मेहता: दांत निकलना :


भुना हुआ सुहागा और शहद को मिलाकर बच्चे के मसूढ़ों पर धीरे-धीरे मलें। इससे दांत आसानी से निकल आते हैं तथा मसूड़ों का दर्द कम होता है।


सुहागा को शहद के साथ पीसकर बच्चों के मसूढ़ो पर मलें। इससे बच्चों के नये दांत आसानी से निकल आते हैं और दर्द में आराम मिलता है।


लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग भुनी सुहागा को शहद में मिलाकर बच्चों के मसूडें पर मलने से दांत आसानी से निकल आते हैं।


10 ग्राम भुना सुहागा और 10 ग्राम पिसी हुई मुलहठी लेकर चूर्ण बना लें। इसमें से लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग चूर्ण में शहद मिलाकर मसूड़ों पर मलें। इससे बच्चों के दांत निकलते समय दर्द नहीं होता तथा बार-बार दस्त आना बंद हो जाता है।

[8/2, 07:00] Morni कृष्ण मेहता: बवासीर (अर्श) : 1 चम्मच सुहागा, 1 चम्मच हल्दी, 1 चम्मच चीता (चित्रक) की जड़, थोड़े-से इमली के पत्ते तथा 10 ग्राम गुड़ को पीसकर मलहम बना लें। इसके मलहम को बवासीर के मस्सों पर लगाने से मस्से जल्द सूख कर गिर जाते हैं।

अनियमितता 


10 ग्राम सुहागा, 10 ग्राम हीरा कसीस, 10 ग्राम मुसब्बर तथा 10 ग्राम हींग को पानी के साथ पीसकर लगभग 0.24 ग्राम की गोली बनाकर 1 गोली सुबह और शाम अजवायन के साथ सेवन करना चाहिए। इसे कुछ दिनों तक लगातार सेवन करने से मासिक धर्म ठीक समय पर आने लगता है।

[8/2, 07:01] Morni कृष्ण मेहता: पथरी : 5-5 ग्राम सुहागा, जौंखार तथा कलमी शोरा को मिलाकर पीसकर चूर्ण बना लें। इस 1-1 ग्राम चूर्ण को रोजाना सुबह-शाम मूली के रस या कुल्थी के जुसांदे में मिलाकर पीने से गुर्दे व मूत्राशय की पथरी घुलकर निकल जाती है।

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