गुरुवार, 5 अगस्त 2021

मरने के बाद / महाकवि व्हाट्सप्प जी महाराज

 कल रात मैंने एक

 "सपना"  देखा.!

मेरी Death हो गई....


जीवन में कुछ अच्छे कर्म किये होंगे

 इसलिये यमराज मुझे

 स्वर्ग में ले गये...


देवराज इंद्र ने

 मुस्कुराकर

मेरा स्वागत किया...


मेरे हाथ में 

Bag देखकर पूछने लगे


''इसमें क्या है..?"


मैंने कहा...

'' इसमें मेरे जीवन भर की कमाई है, पांच करोड़ रूपये हैं ।"


इन्द्र ने 

'BRP-16011966'

 नम्बर के Locker की ओर

 इशारा करते हुए कहा-

''आपकी अमानत इसमें रख

दीजिये..!''


मैंने Bag रख दी...


मुझे एक Room भी दिया...


मैं Fresh होकर

 Market में निकला...


 देवलोक के 

Shopping मॉल मे

 अदभूत वस्तुएं देखकर

 मेरा मन ललचा गया..!


मैंने कुछ चीजें पसन्द करके

Basket में डाली,

 और काउंटर पर जाकर

 उन्हें दो हजार की

करारे नोटें देने लगा...


Manager ने 

नोटों को देखकर कहा,

''यह करेंसी यहाँ नहीं चलती..!''


यह सुनकर 

मैं हैरान रह गया..!


मैंने इंद्र के पास 

Complaint की

इंद्र ने मुस्कुराते हुए कहा कि,

''आप व्यापारी होकर

 इतना भी नहीं जानते..?

कि आपकी करेंसी

बाजु के देश

पाकिस्तान,

 श्रीलंका

 और बांगलादेश में भी

 नही चलती...


और आप

 मृत्यूलोक की करेंसी

स्वर्गलोक में चलाने की

 मूर्खता कर रहे हो..?''


 यह सब सुनकर 

मुझे मानो साँप सूंघ गया..!


मैं जोर जोर से दहाड़े मारकर

रोने लगा.

और परमात्मा से

दरखास्त करने लगा, 

''हे ईश्वर.ये...

 क्या हो गया.?''

''मैंने कितनी मेहनत से

 ये पैसा कमाया..!''

''दिन नही देखा, 

रात नही देखा,"

'' पैसा कमाया...!''


''माँ बाप की सेवा नही की,

पैसा कमाया,

बच्चों की परवरीश नही की,

पैसा कमाया....

 पत्नी की सेहत की ओर

ध्यान नही दिया, 

पैसा कमाया...!''


''रिश्तेदार, 

भाईबन्द, 

परिवार और

यार दोस्तों से भी 

किसी तरह की

हमदर्दी न रखते हुए

पैसा कमाया.!!"


''जीवन भर हाय पैसा

हाय पैसा किया...!

ना चैन से सोया, 

ना चैन से खाया...

 बस,

 जिंदगी भर पैसा कमाया.!''


''और यह सब 

व्यर्थ गया..?''


''है ईश्वर,

 अब क्या होगा..!''


इंद्र ने कहा,-

''रोने से 

कुछ हासिल होने वाला

नहीं है.!! "

"जिन जिन लोगो ने

 यहाँ जितना भी पैसा लाया,

 सब रद्दी हो गया।"


"जमशेद जी टाटा के

 55 हजार करोड़ रूपये,

बिरला जी के

 47 हजार करोड़ रूपये,

 धीरू भाई अम्बानी के

 29 हजार करोड़

अमेरिकन डॉलर...!

  सबका पैसा यहां पड़ा है...!"


मैंने इंद्र से पूछा-

"फिर यहां पर 

कौनसी करेंसी

चलती है..?"


इंद्र ने कहा-

*"धरती पर अगर*

*कुछ अच्छे कर्म*

*किये है...!*


*जैसे किसी दुखियारे को*

*मदद की,* 

*किसी रोते हुए को*

*हसाया,* 

*किसी अनाथ बच्चे को*

 *पढ़ा लिखा कर* 

*काबिल बनाया...!* 

*किसी को* 

*व्यसनमुक्त किया...!*

 *किसी अपंग स्कुल, वृद्धाश्रम या* 

*मंदिरों में दान धर्म किया...!"*

*ये सब भी बिना स्वार्थ /तारिफ की इच्छा के*

 


"ऐसे पूण्य कर्म करने वालों को

यहाँ पर एक Credit Card

मिलता है...!

और 

उसे प्रयोग कर आप यहाँ

स्वर्गीय सुख का उपभोग ले

सकते है..!''


मैंने कहा,

"ईश्वर....

 मुझे यह पता

नहीं था. 

इसलिए मैंने अपना जीवन 

व्यर्थ गँवा दिया.!!"


"हे ईश्वर, 

मुझे थोडा आयुष्य दीजिये..!''


 और मैं गिड़गिड़ाने लगा.!


इंद्र को मुझ पर दया आ गई.!!


इंद्र ने तथास्तु कहा 

और मेरी नींद खुल गयी..!


मैं जाग गया..!


अब मैं वो दौलत कमाऊँगा

जो वहाँ चलेगी..!!

🙏

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