महात्मा विदुर महाभारत के मुख्य पात्रों में से एक हैं। उन्होंने अपने जीवनकाल में बहुत सी ऐसी नीतियों की रचना की है, जिन्हें अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में अपना लें तो उसका जीवन बहुत ही सरल हो सकता है। उन्होंने व्यक्ति के जीवन से जुड़ी कई समस्याओं का हल बताने के साथ ही उत्तम पुरुष के लक्षण बताए हैं और आज हम आपको उन्हीं लक्ष्णों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
विदुर कहते हैं कि परोपकार रहित मानव का जीवन व्यर्थ होता है। लेकिन उत्तम पुरुष उस मरे हुए पशु के समान होते हैं जिसका मृत्यु के बाद चमड़ा भी काम आता है। यानि ऐसे लोगों को मृत्यु के बाद स्वर्ग मिलता है। उत्तम पुरुष को भले ही मृत्यु लोक में कष्टों का सामना करना पड़ता है, लेकिन वह तटस्थ भाव से धर्म निभाता है। उत्तम पुरुष के जीवन में कितने ही दुख क्यों न आ जाएं, लेकिन वह अपना धर्म निभाता है। विदुर जी कहते हैं कि उत्तम पुरुष में हर दुख को सहने की शक्ति होती है।
विदुर जी कहते हैं कि धर्म का पालन, दान करने, सत्य बोलने और मेहनत करने वाले पुरुषों की चर्चा तीनों लोकों में होती है। ऐसे लोगों की मृत्यु के बाद इनकी कई पीढ़ियां इनके द्वारा किए गए पुण्य का लाभ उठाती हैं।
कहते हैं कि ऐसे पुरुष को पति के रूप में पाकर स्त्री स्वर्ग के समान सुख भोगती है। महात्मा विदुर ने ऐसे पुरुष को उत्तम से भी उत्तम बताया है। विदुर नीति के अनुसार, इन पुरुषों पर हमेशा देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।
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हेमन्त किगरं
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