शुक्रवार, 15 जनवरी 2021

जीवन में अनुशासन

 भोजन करने सम्बन्धी 24 जरुरी नियम

--------------------------------------------------

१ पांच अंगो ( दो हाथ , २ पैर , मुख )

को अच्छी तरह से धो कर

ही भोजन करे !


२. गीले पैरों खाने से आयुमें वृद्धि होती है !


३. प्रातः और सायं ही भोजनका विधान है !

किउंकि पाचन

क्रिया की जठराग्नि सूर्योदय से 2 घंटे

बादतक एवं सूर्यास्त से 2 -3 घंटे पहले तक प्रवल रहती है


४. पूर्व और उत्तर दिशा कीओर मुह करके

ही खाना चाहिए !


५. दक्षिण दिशा की ओर कियाहुआ भोजन

प्रेत को प्राप्त

होता है !


६ . पश्चिम दिशा की ओर किया हुआ भोजन

खाने से रोग

की वृद्धि होती है !


७. शैय्या पर , हाथ पर रख कर , टूटे फूटे

वर्तनो मेंभोजन

नहीं करना चाहिए !


८. मल मूत्र का वेग होने पर,कलह के माहौल

में,अधिक शोर में,पीपल,वट

वृक्ष के नीचे,भोजन नहीं करना चाहिए !


९ परोसे हुए भोजन

की कभी निंदा नहीं करनी चाहिए !


१०. खाने से पूर्व अन्न देवता ,

अन्नपूर्णा माता की स्तुति कर के ,

उनका धन्यवाद देते हुए ,

तथा सभी भूखो को भोजन प्राप्त हो इस्वर

से

ऐसी प्राथना करके भोजन करना चाहिए !


११. भोजन बनने वाला स्नान करके ही शुद्ध

मन से, मंत्र जप करते हुए

ही रसोई में भोजन बनाये और सबसे पहले ३

रोटिया अलग निकाल कर

( गाय , कुत्ता , और कौवे हेतु ) फिर

अग्नि देव का भोग लगा कर

ही घर वालो को खिलाये !


१२. इर्षा , भय , क्रोध, लोभ,रोग , दीन

भाव,द्वेष भाव,के साथ

किया हुआ भोजन कभी पचता नहीं है !


१३. आधा खाया हुआ फल ,

मिठाईया आदि पुनः नहीं खानी चाहिए !


१४. खाना छोड़ कर उठ जाने पर

दुबारा भोजन नहीं करनाचाहिए !


१५. भोजन के समय मौन रहे !


१६. भोजन को बहुत चबा चबा कर खाए !


१७. रात्री में भरपेट न खाए !


१८. गृहस्थ को ३२ ग्रास सेज्यादा न

खाना चाहिए !


१९. सबसे पहले मीठा , फिर नमकीन , अंत में

कडुवा खाना चाहिए !


२०. सबसे पहले रस दार , बीचमें गरिस्थ ,

अंत में द्राव्य पदार्थ ग्रहण करे!


२१. थोडा खाने वाले को --आरोग्य , आयु ,

बल , सुख, सुन्दर संतान ,

और सौंदर्य प्राप्त होता है !


२२. जिसने ढिढोरा पीट कर

खिलाया हो वहा कभी न खाए !


२३. कुत्ते का छुवा ,

रजस्वला स्त्री का परोसा, श्राध

का निकाला , बासी , मुह से फूक मरकर

ठंडा किया , बाल

गिरा हुवा भोजन , अनादर युक्त ,

अवहेलना पूर्ण परोसा गया भोजन

कभी न करे !


२४. कंजूस का, राजा का,वेश्या के हाथ

का,शराब बेचने वाले

का दिया भोजन कभी नहीं करना चाहिए


यह नियम आप जरुर अपनाये और फर्क देखे.. 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

साहित्य के माध्यम से कौशल विकास ( दक्षिण भारत के साहित्य के आलोक में )

 14 दिसंबर, 2024 केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के हैदराबाद केंद्र केंद्रीय हिंदी संस्थान हैदराबाद  साहित्य के माध्यम से मूलभूत कौशल विकास (दक...