_पलकें / संतोष अग्निहोत्री
तुम बिन
बारिश भी सूखी सी🌫
तुम बिन
हवा चले रूठी सी😔
तुम बिन
खुशबू भी फीकी सी🌹
तुम बिन
हँसी भी झूठी सी🙂
तुम बिन
तारे कम हैं चमके⭐
तुम बिन
फूल नहीं हैं महके🌻
तुम बिन
पलकें भी हैं बोझिल😞
तुम बिन
कुछ कहना है मुश्किल🤐
सच्ची..................
❤❤❤❤
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