शनिवार, 5 मार्च 2022

एक बड़ी छोटी सी चाह* / ~ *प्रेम रंजन अनिमेष*

 

                                    

                               🌐

एक छोटा सा 

काम करना चाहता 


बड़े और सयाने 

हो जायें  

उससे पहले 


बच्चों को

सिखाना 

चाहता 

बनाना


दुनिया का 

नक्शा ऐसा


हो नहीं 

जिसमें कोई 

सरहद कहीं 


न सीमायें 

देशों की 

न सोच की


जाने से पहले 

जान से जहान से

जिंदगी के लिए  

हर किसी के लिए  

कुछ ऐसा

कर गुजरना चाहता


बेड़ियों में जकड़े

खानों में बँटे

लकीरों से बिंधे

अभी है जैसे

इस बनावटी संसार में  


जीते जी 

नहीं घुटना मरना चाहता... 

                               💟

                                ✍️ *प्रेम रंजन अनिमेष*

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

चिड़िया का घोंसला  सर्दियाँ आने को थीं और चिंकी चिड़िया का घोंसला पुराना हो चुका था। उसने सोचा चलो एक नया घोंसला बनाते हैं ताकि ठण्ड के दिनों ...