बुधवार, 31 मार्च 2021

कोमेडियन वी. गोपाल

 वी. गोपाल...

भारतिय फिल्मों मे  बहुत सारे कोमेडियन दिखाइ दिये...इस मे  एक कम सुना नाम  वी. गोपाल का भी हे..


होशियारपुर कोलेज मे वी. गोपाल पढते थे..उसे पढाइ से ज्यादा राग रंग और  तबला बजाने का शौक था.. पढाइ के वकत कोलेज के कलास रूम मे डेस्क को तबला  समजकर बजाते थे और प़ोफेसर  उसे कलास रूम से निकाल भी देते थे..!!


बाद मे वी.गोपाल सन 1953 मे बंबई  आये और एक फिल्म कंपनी मे उसे प़ोडकशन कंटो़लर का काम मिल गया..

उस वकत एक फिल्म बन रही थी...शाही महेमान...! फिल्म के हिरो थे  रंजन...फिल्म  की शुटिंग हो  रही थी..एक कलाकार शाही ओहदेदार का रोल कर रहा था...वह ठीक तरह से डायलोग बोल नहि पा रहे थे.  संजोग से.उस कलाकार को हटाकर वी. गोपाल   को रोल दिया गया...और वी. गोपाल ने एक ही शोट मे पुरे डायलोग   बोल दिये.. !!


लेकिन बाद मे वी. गोपाल को कोइ फिल्मे मिली नहि...


काफी अरसे के बाद वी. गोपाल को अहम भुमिका वाली एक पंजाबी फिल्म जीजा जी  मिली..बाद मे वी. गोपाल ने अनेक पंजाबी फिल्मो मे काम किया.. एक पंजाबी फिल्म नीम हकीम का निर्माण भी किया.  फिल्म सफल नहि हुइ..!


सुना हे दिलीपकुमार साहब ने वी. गोपाल को फिल्म  बैराग  के लिये एक खास रोल  देकर बुलाया था..!

फि ल्म दो जासुस मे  वी. गोपाल ने  राज कपुर के साथ भी काम किया  था. 

वी. गोपाल ने करिब 95 फिल्मों मे काम किया.. जहोनी मेरा नाम...विकटोरिया नं.203 जीवन मृत्यु ..हमजोली. संजोग   रूप तेरा मस्ताना  आखों आखो मे तेरे मेरे सपने  नया जमानाजैसी फिल्मो मे वह दिखाइ दिये थे.


पिछली सालों मे  वी. गोपाल को फिल्मो बहुत   सारा काम मिल रहा था..  लेकिन  18 फरबरी 1976 के रोज दिल का दोरा पडने से  वी. गोपाल का देहांत  हो गया..!!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

साहित्य के माध्यम से कौशल विकास ( दक्षिण भारत के साहित्य के आलोक में )

 14 दिसंबर, 2024 केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के हैदराबाद केंद्र केंद्रीय हिंदी संस्थान हैदराबाद  साहित्य के माध्यम से मूलभूत कौशल विकास (दक...