गुरुवार, 18 मार्च 2021

शशि कपूर का फ़िल्मी सफर

 #शशिकपूर 

जन्म 18 मार्च 1938 

हिन्दी फ़िल्मों के एक उत्कृष्ट अभिनेता हैं  वर्ष २०११ में उनको भारत सरकार ने 🏵️#पदमभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया। वर्ष २०१५ में उनको सर्वोच्च पुरूस्कार 🏵️ #दादासाहेबफाल्के  से सम्मानित किया।इस तरह से वे अपने पिता पृथ्वीराज कपूर और बड़े भाई राजकपूर के बाद यह सम्मान पाने वाले परिवार के #तीसरे सदस्य बन गए हैं ,,


शशि कपूर ने ४० के दशक से ही फिल्मो में काम करना शुरू कर दिया था।   राजकपूर ने उन्हें '#आग' १९४८ और '#आवारा' १९५१में भूमिकाएं दी। आवारा में उन्होंने राजकपूर के बचपन का रोल किया था। उन्होंने सांप्रदायिक दंगो पर आधारित #धर्मपुत्र १९६१में काम किया था। उसके बाद चार दीवारी और #प्रेमपत्र जैसी फिल्मो में नजर आये।

 वे हिंदी सिनेमा के पहले ऐसे अभिनेता थे जिन्होंने #हाउसहोल्डर और #शेक्सपियर वाला जैसी #अंग्रेजी फिल्मो में मुख्य भूमिकाये निभाई। वर्ष १९६५ उनके लिए एक महत्वपूर्ण साल था। इसी साल उनकी पहली जुबली फिल्म '#जब #जबफूलखिले' रिलीज हुई और यश चोपड़ा ने उन्हें भारत की पहली बहुल अभिनेताओ वाली हिंदी फिल्म '#वक्त' के लिए कास्ट किया। इसके बाद उन्होंने 'ए मत्तेर ऑफ़ इन्नोसेंस' और 'प्रीटी परली ६७' जसी फिल्मे की. वहीँ हसीना मन जाएगी, प्यार का मोसम ने उन्हें एक चोकलेटी हीरो के रूप में स्थापित किया। ७० के दसक में शशि कपूर सबसे व्यस्त अभिनेताओ में से एक थे। इसी दशक में उनकी '#चोर मचाये शोर', #दीवार, #कभीकभी, दूसरा आदमी और '#सत्यमशिवम् सुन्दरम' जैसी हिट फिल्मे रिलीज हुयी. अमिताभ बच्चन के साथ आई उनकी फिल्मो दीवार, कभी - कभी, #त्रिशूल, #सिलसिला, #नमक हलाल, दो और दो पाँच व् शान ने भी उन्हें बहुत #लोकप्रियता दिलवाई.

✌️👌

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