हम बज्जिका भाषा के पैरोकार हती आ साहित्यकारो, बाकि हिन्दी के अहित पहुंचाकऽ न ऽ।हम ई चाहइछी कि प्राथमिक कक्षा से लेकऽ ऊपर के कक्षा तक एगो भाषा के रूप में बज्जिको के पढ़ाई होय ।बाकी अन्य विषय के पढ़ाई हिन्दी में होय।अंग्रेजियो मात्र एक भाषा के रूप में पढ़ाएल जाय ,न कि ओकरा पढ़ाई के माध्यम बनाएल जाय। पढ़ाई के माध्यम हिन्दिए भाषा के बनाएल जाय।
राष्ट्रभाषा आ राजभाषा बने के अधिकार मात्र हिन्दिए के हय।एक्कर मतलब ई नऽ कि हिन्दी के साहित्य सब भारतीय भाषा के साहित्य से ज्यादे महत्वपूर्ण चाहे समृद्ध हय । अनेक भारतीय भाषा के साहित्य हिन्दी भाषा के साहित्य से ज्यादा समृद्ध हय , बाकी अन्तर्राज्यीय अथवा अन्तरराष्ट्रीय भाषा बने के ताकत हिन्दिए में हय।ई लेल अप्पन-अप्पन भाषा (क्षेत्रीय भाषा) के बचावे के जरूरत है ,बहुत जरूरत है , बाकि हिन्दी के विस्थापित कऽ कऽ नऽ ,बल्कि ओकरा साथ-साथ क्षेत्रीय भाषा सब के भी स्थापित करे के जरूरत हय ।हिन्दी अकेल्ला में कुच्छो नऽ हय ।हिन्दी तऽ सब्भे क्षेत्रीय भाषा के समाहार हय।
🙏 जय बज्जिका ! जय हिन्दी !!🙏
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