कितना आश्चर्य होता है भाग - 1
हिंदी के दो शब्द है " आरोपी " और "आरोपित " यह दोनों शब्द अपने मूल अर्थ से बिल्कुल उल्टे प्रयोग किए जाते हैं । आरोपी का सही अर्थ होता है - " जिसने आरोप लगाया हो " तथा आरोपित का सही अर्थ होता है - " जिसपर आरोप लगाया गया हो " । परंतु तमाम मीडिया चैनलों एवं समाचार पत्रों में आरोपी उसे बताया गया होता है " जिसपर आरोप लगाया गया हो " तथा आरोपित शब्द आमतौर पर देखने या पढ़ने में ही नहीं मिलता है । आरोपित के संदर्भ को व्यक्त करने के लिए सीधा उसका नाम ले लिया जाता है जैसे - अमुक ने आरोप लगाया है कि ; अमुक ने कहा कि आदि ।
इसी तरह उर्दू भाषा में भी दो शब्द हैं मुल्ज़िम और मुल्ज़म यह दोनों शब्द भी अपनी मूल अर्थ से भिन्न तथा उल्टे अर्थ में प्रचलित हैं । समाचार पत्रों तथा तमाम मीडिया चैनलों में मुल्ज़िम उसे कहा जाता है " जिस पर इल्ज़ाम लगा होता है "या लगाया जाता है जबकि मुल्ज़िम वह होता है -" जो इल्ज़ाम लगाता है " । जिसपर इल्ज़ाम लगाया गया हो उसके लिए सही शब्द " मुल्ज़म " होता है । मुल्ज़म की वही स्थिति है जो आरोपित की है ..... दोनों शब्द उपेक्षित हैं , प्रयोक्ता की ओर निहार रहे हैं...
आश्चर्य होता है कि दोनों भाषाओं में यह दोनों शब्द अपने मूल अर्थ से अलग अलग और उल्टे ही अर्थ में प्रचलित हैं...
- कुलदीप पुष्पाकर
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