मंगलवार, 14 जुलाई 2020

टीवी एंकर का इंटरव्यू / असगर वजाहत



एक टीवी एंकर का इंटरव्यू
(कथा-कहानी)
असग़र वजाहत

-आप टीवी एंकर होने से पहले क्या करते थे?
- मैं एक लिंचिंग ग्रुप का मेंबर था।
- क्या टीवी एंकर बनने में पुराना अनुभव आपके काम आया?
- दरअसल पुराने अनुभव के आधार पर ही मुझे टीवी एंकर बनाया गया है।
-  लिंचिंग का अनुभव टीवी एंकर के काम में कैसे सहायक सिद्ध हुआ?
 - लिंचिंग करने के लिए जिस क्रोध और घृणा की जरूरत पड़ती है वह एंकरिंग करते हुए मेरे  बहुत काम आया। लिंचिंग करने में जिस तरह हाथ पैर चलाए जाते हैं उसी तरह टीवी की एंकरिंग करते हुए भी मैं हाथ पैर चलाता हूं। जिसे लोग पसंद करते हैं।
- तो आपने  रोड पर लिंचिंग करना छोड़ दी?
- मुझे लगा छोटा काम है।
-  उसके बाद ही आप टीवी एंकर बन गए?
- टीवी एंकर मेरे लिए छोटा शब्द है।
-  फिर आप अपने लिए कौन सा शब्द इस्तेमाल करना चाहेंगे?
-  टीवी  लींचेर कह सकते हैं।
 - तो आप टीवी पर कौन सा प्रोग्राम करते हैं?
-  वही जो पहले सड़क पर करता था ।
- मतलब आप  पहले लिंचिंग करते थे और अब जो करते हैं उसमें तो काफी फर्क है ?
 - नहीं।
- कैसे?
- पहले हम सब मिलकर किसी एक आदमी की लिंचिंग करते थे।
- और अब?
 - अब मैं अकेला लाखों लोगों की लिंचिंग कर देता हूँ।
- इसी पेशे में बने रहेंगे या भविष्य में कुछ और करने का इरादा है?
- राजनीति में जाने का इरादा है।
- चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिल जाएगा।
-  हां क्यों नहीं। जब लिंचिंग के लिए टिकट मिल गया था तो चुनाव के लिए क्यों नहीं मिलेगा?

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

प्रवीण परिमल की काव्य कृति तुममें साकार होता मै का दिल्ली में लोकार्पण

 कविता के द्वार पर एक दस्तक : राम दरश मिश्र  38 साल पहले विराट विशाल और भव्य आयोज़न   तुममें साकार होता मैं 💕/ प्रवीण परिमल   --------------...