एहसास
अनिल कुमार चंचल
दिनांक एक अप्रैल22 को बिराट पुर मेरे निवास स्थान पर आयोजित मुशायरा और कवि गोष्ठी का चन्द तस्वीरों को मैं साझा करते हुए कुछ दिल की बात कहना चाहता हूँ ।यदि आपका और औरंगबाद के मेरे सभी मीडिया से जुड़े महानुभावों का साथ नही मिलता तो इतना शानदार सांझ नही होती गीत ,ग़ज़ल छंद, रुबाइयों भरी😊
बहरहाल मैंने चन्द साथियों का मशविरा लेकर एक हिंदी उर्दू स्थानीय शायरों, गीतकारों जिनमें लोक गीत,भोजपुरी गीत भी हो एक मुकम्मल किताब प्रकाशित कराने का संकल्प आज की पावन दिन चैत्र नवरात्र और नववर्ष तथा पवित्र रमजान का पहला दिन में घोषित करता हूँ कि
अपने ज़िला औरंगाबाद के उन साहित्यिक जगत के सुप्रसिद्ध कवि,गीतकारों था उर्दू अदब से जुड़े अज़ीम शायरों का दो या तीन कलाम गीत को संकलित कर एक मुकम्मल किताब की शक्ल में जिला के साहित्यिक हिंदी उर्दू मंच को अपनी ओर से श्रदा के रूप में पेश करूँ/समर्पित करूँ ।
इस कार्य को पूर्ण करने में मेरे शायर मित्र और श्री नगेन्द्र दुबे केशरी जी से विशेष सहयोग की उम्मीद रखता हूँ ।
इस पुस्तक आपतक शीध्र पहुंचे इसका मुकम्मलl कोशिश श्री अनामी शरण बबल मेरे भांजे सम्पादक,नई दिल्ली के तत्वावधान में किया जाएगा ।
स्थानीय शायर अपनी तीन रचनाएं ज़नाब आफ़ताब राणा ,और केशरी जी को सौपना चाहेंगे ।
ज़नाब शब्बीर हसन शब्बीर के सदारत में यह कार्य हम मुकम्मल करेंगे ।
जय हिंद
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