बुधवार, 6 अप्रैल 2022

हम हैं बिहारी बबुआ../ अनिल कुमार चंचल

 बिहार गीत अनिल कु चंचल



अपनी वतन की शान पे दिल-ओ जान निसार है

हम है बिहारी बबुआ, ये मेरा बिहार है,


कोसी की तेज़-सोन और गंगा की धार हैं,

हम हैं बिहारी बबुआ, ये मेरा बिहार है।।

बाबू कुंवर की खड्ग, तुरुतेग की कटार

तप ,योग संत वाणियों से ये गूँजती बिहार,

है ये हमारा जानेमन-जाने बहार है

हम हैं बिहारी बबुआ, ये मेरा बिहार है।।



पटना है,फुलवारी-मगध मिथिला यहाँ,

विद्यापति के गीत तो सीता की दास्तां,

सुख शान्ति-सङ्गीत की उड़ते फुहार है 

हम हैँ बिहारी बबुआ, ये मेरा बिहार है।।



नालंदा भी यहीं पे गया बौद्ध धाम है,

त्रेतायुगीन मंदिरों में देव धाम है,

झुकते हैं सर श्रद्धा से वो हर मुक़ाम है, 

हम हैं बिहारी बबुआ ,ये मेरा बिहार है।।


जग को खगोल क्या है आर्यभट्ट बता दिया,

चाणक्य सा गुरु ने सियासत सीखा दिया,

इतिहास के पन्नों में कथा बेशुमार है,

हम हैं बिहारी बबुआ,ये मेरा बिहार है।।


लिंची के बाग हैं, कहीं आमों की डालियां,

खेतों में लहलहाते हैं, फसलों की बालियां

जन्नत है स्वर्ग है ,इसी माटी से प्यार है


हम तो चंचल बबुआ ,ये मेरा बिहार है।।

यही मेरा बिहार है ,अजी मेरा बिहार है 🙏🏻

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तलाक के बाद फिर से

 पति ने पत्नी को किसी बात पर तीन थप्पड़ जड़ दिए, पत्नी ने इसके जवाब में अपना सैंडिल पति की तरफ़ फेंका, सैंडिल का एक सिरा पति के सिर को छूता ...