कोई भूमिका नही ... बस ... भाई पवन दीक्षित को पढ़ कर देखिये....
मुझसा लगना रहने दे
कुछ तो अपना रहने दे
अपनी हसरत पूरी कर
मेरा सपना रहने दे
सिर्फ भरम ही टूटेंगे
छोड़ परखना रहने दे
सच्चा होना काफी है
गंगा जमना रहने दे
सच कहने की हिम्मत कर
यूँ दिल रखना रहने दे
उकता गया ख़ुशी से मन
आज अनमना रहने दे
पवन दीक्षित
सुन्दर रचना
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