देव औरंगाबाद बिहार 824202 साहित्य कला संस्कृति के रूप में विलक्ष्ण इलाका है. देव स्टेट के राजा जगन्नाथ प्रसाद सिंह किंकर अपने जमाने में मूक सिनेमा तक बनाए। ढेरों नाटकों का लेखन अभिनय औऱ मंचन तक किया. इनको बिहार में हिंदी सिनेमा के जनक की तरह देखा गया. कामता प्रसाद सिंह काम और इनकi पुत्र दिवंगत शंकर दयाल सिंह के रचनात्मक प्रतिभा की गूंज दुनिया भर में है। प्रदीप कुमार रौशन और बिनोद कुमार गौहर की भी इलाके में काफी धूम रही है.। देव धरती के इन कलम के राजकुमारों की याद में .समर्पित हैं ब्लॉग.
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
साहित्य के माध्यम से कौशल विकास ( दक्षिण भारत के साहित्य के आलोक में )
14 दिसंबर, 2024 केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के हैदराबाद केंद्र केंद्रीय हिंदी संस्थान हैदराबाद साहित्य के माध्यम से मूलभूत कौशल विकास (दक...
-
प्रस्तुति- कृति शरण / मेहर स्वरूप / सृष्टि शरण / अम्मी शरण / दृष्टि शरण पौराणिक कथा, कहानियों का संग्रह 1 to 10 पौराणिक कह...
-
जी.के. अवधिया के द्वारा 25 Sep 2010. को सामान्य , शाश्वत रचनाएँ , ज्ञानवर्धक लेख कैटेगरी के अन्तर्गत् प्रविष्ट किया गया। टैग्स: कवि ...
-
इच्छा और कामुकता से भरी 15 सर्वश्रेष्ठ भारतीय कामुक पुस्तकें भारत इरॉटिका लेखकों की एक नई नस्ल के साथ फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे की घटना पोस्ट क...
बहुत दुःखद। शुभा से मिला हूँ और रमेश वर्मा के मित्र को तो जानता ही था।वर्मा को अस्पताल में ICU में देखने उस मित्र और राजेन्द्र अवस्थी के साथ उन दिनों दिल्ली आया मैं भी था। वर्मा का वह "मित्र" शुभा के भोलेपन का फ़ायदा उठाकर लखनऊ में एक पहाड़ी मित्र से जो अश्लील बात कह रहा था, वह उसने जब मुझे बताई तभी से मुझे उससे नफ़रत हो गई,जबकि पूर्व में वह मेरा अच्छा मित्र था
जवाब देंहटाएं