पुण्यतिथि (2903) पर सादर नमन ।
स्व सियाशरण गुप्त का जन्म 4 सितंबर, 1895 को हुआ था । आप हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार और राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त के छोटे भाई थे । आपने एक कवि के रुप में आपको विशेष ख्याति पाई । स्व सियारामशरण गुप्त राष्ट्रकवि स्व मैथिलीशरण गुप्त के छोटे भाई थे । स्व सियारामशरण गुप्त की रचनाओं में उनके व्यक्तित्व की सरलता, विनयशीलता, सात्विकता और करुणा सर्वत्र प्रतिफलित हुई है । वास्तव में गुप्त जी मानवीय संस्कृति के साहित्यकार हैं। उनकी रचनाएँ सर्वत्र एक प्रकार के चिन्तन, आस्था-विश्वासों से भरी हैं, जो उनकी अपनी साधना और गांधी जी के साध्य साधन की पवित्रता की गूंज से ओत-प्रोत हैं । गुप्त जी ने 'मौर्य विजय' प्रथम रचना सन् 1914 में लिखी थी । आपकी समस्त रचनाएं पांच खण्डों में संकलित कर प्रकाशित की गई थी । 'आर्द्रा, 'दुर्वादल, 'विषाद, 'बापू तथा 'गोपिका इनकी मुख्य काव्य-कृतियां हैं । इसके अतिरिक्त इन्होंने 'गोद, 'नारी, 'अंतिम आकांक्षा (उपन्यास), 'मानुषी (कहानी संग्रह), नाटक, निबंध आदि लगभग 50 ग्रंथों की रचना की थी । सहज आकर्षक शैली तथा भाव और भाषा की सरलता इनकी विशेषता थी । हिन्दी सेवाओं के लिए सन् 1962 ई. में "सरस्वती' हीरक जयन्ती में आपको सम्मानित किया गया था व सन् 1941 ई. में "सुधाकर पदक' नागरी प्रचारिणी सभा वाराणसी द्वारा प्रदान किया गया था । स्व सियारामशरण गुप्त का निधन 29 मार्च,1963 को हो गया था ।
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