मेरा डाॅ साही से बाल प्रश्न था, " *सर मैं साइंस वर्ग से हूं और पाता हूं कि कबीर या उन जैसे बड़े कवियों पर विमर्श सिर्फ हिन्दी फैकल्टी तक सिमट कर रह गया है । यह हिन्दी की हार है या देश की ?*
सर का मार्गदर्शन --
देव औरंगाबाद बिहार 824202 साहित्य कला संस्कृति के रूप में विलक्ष्ण इलाका है. देव स्टेट के राजा जगन्नाथ प्रसाद सिंह किंकर अपने जमाने में मूक सिनेमा तक बनाए। ढेरों नाटकों का लेखन अभिनय औऱ मंचन तक किया. इनको बिहार में हिंदी सिनेमा के जनक की तरह देखा गया. कामता प्रसाद सिंह काम और इनकi पुत्र दिवंगत शंकर दयाल सिंह के रचनात्मक प्रतिभा की गूंज दुनिया भर में है। प्रदीप कुमार रौशन और बिनोद कुमार गौहर की भी इलाके में काफी धूम रही है.। देव धरती के इन कलम के राजकुमारों की याद में .समर्पित हैं ब्लॉग.
परिचर्चा , बहस | 2 comments कवि , समीक्षक और संस्कृति कर्मी।विद्यासागर विश्वविद्यालय , मेदिनीपुर में सहायक प्रोफेसर। आज दुनिया के ल...
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