✍️एक कविता कायस्थों को समर्पित
कायस्थ होकर कायस्थ का,
आप सभी सम्मान करो!
सभी कायस्थ एक हमारे,
मत उसका नुकसान करो!
चाहे कायस्थ कोई भी हो,
मत उसका अपमान करो!
जो ग़रीब हो, अपना कायस्थ
धन देकर धनवान करो!
हो गरीब कायस्थ की बेटी,
मिलकर कन्या दान करो!
अगर लड़े चुनाव कायस्थ ,
शत प्रतिशत मतदान करो!
हो बीमार कोई भी कायस्थ ,
उसे रक्त का दान करो!
बिन घर के कोई मिले कायस्थ ,
उसका खड़ा मकान करो!
अगर कायस्थ दिखे भूखा,
भोजन का इंतजाम करो!
अगर कायस्थ की हो फाईल,
शीघ्र काम श्रीमान करो!
कायस्थ की लटकी हो राशि,
शीघ्र आप भुगतान करो!
कायस्थ को अगर कोई सताये,
उसकी आप पहचान करो!
अगर जरूरत हो कायस्थ को,
घर जाकर श्रमदान करो!
अगर मुसीबत में हो कायस्थ ,
फौरन मदद का काम करो!
अगर कायस्थ दिखे वस्त्र बिन,
उसे अंग वस्त्र का दान करो!
अगर कायस्थ दिखे उदास,
खुश करने का काम करो!
अगर कायस्थ घर पर आये,
जय चित्रगुप्त, राम-राम या जय चित्रांश बोल सम्मान करो!
अपने से हो बड़ा कायस्थ,
उसको आप प्रणाम करो!
हो गरीब कायस्थ का बेटा,
उसकी मदद तमाम करो!
बेटा हो गरीब कायस्थ का पढ़ता,
कापी पुस्तक दान करो!
जय चित्रगुप्त, जय कायस्थ समाज 🙏🙏
यदि आप कायस्थ समाज का विकास करना चाहते है तो यह कविता प्रत्येक कायस्थ तक पहुंचने का हर संभव प्रयास करें.... सादर
👏🏻👏🏻🌹🌹
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