सोमवार, 26 सितंबर 2022

एक कुंतल मिठाई../ सीमा मधुरिमा

 लघुकथा


 गुड़िया दूसरी बार गर्भवती थी अभी 2 साल पहले ही उसने एक बेटी को जन्म दिया था... दर्द शुरू हुआ तो उसे हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया .. चिकित्सकों की जद्दोजहद से अगले 2 घंटे बाद हाथ में एक सुंदर सा बेटा... गुड़िया के सास ससुर और माता पिता सभी बहुत खुश हुए... तुरंत पूरे अस्पताल में 15 किलो मिठाई बांटी गई... और गांव में संदेश दे दिया गया कि 1 कुंटल मिठाई कम से कम बांटी जाएगी... मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने पूछ लिया कि क्या बड़ी बेटी के जन्म के समय भी ऐसे ही मिठाईयां बांटी गयी थीं ... उत्तर गुड़िया की मां ने दिया .. "नहीं नहीं आप गलत समझ रही हैं .. यह मिठाई बेटा पैदा होने की खुशी में नहीं है... यह मिठाई उस डर के खत्म होने की खुशी में है जो गुड़िया के गर्भ के समय से ही मन में चल रहा था की कहीं इस बार भी बेटी ना हो जाए "

 


 सीमा मधुरिमा

लखनऊ

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