बुधवार, 28 सितंबर 2022

किसान मंत्र

 अपने खेतों में बीज बोते हुए जो हलूर गाई जाती है वो ही किसान के मंत्र हैं,

मेहनत करने में जो पसीना बहता है वही इस महायज्ञ की आहुतियाँ हैं,

जँगली जानवरों पक्षियों से सुरक्षा करते समय विभिन्न प्रकार की आवाज़ें निकालना ही श्लोक और लयबद्ध राग हैं,

खेत की झोपड़ी में जलने वाला अलाव ही उस किसान का हवन कुंड है,

कड़कड़ाती भूख में खेत की मेड़ पर घर से आई रोटी खाना ही उसका भोग लगाना है,

छह महीने की तपस्या के पश्चात प्रकृति द्वारा प्रदत्त उपहार ही उसकी तपस्या का फल है,

इस हठयोगी से बड़ा कोई हठी नही हर बरस अपनी खेती में सट्टा लगाता रहता है,

परिणाम चाहे जो भी हो,

#जोहार 🌱??

#जय_किसान

Post by Satish Kaler

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