रविवार, 16 जनवरी 2022

सभी महिलाओं के लिए

 *पूरी उम्र ससुराल में गुजारी मैंने*

*फिर भी मायके से कफ़न मंगाना*

*मुझे अच्छा नहीं लगता*।😢


*शादीशुदा महिलाओ को कुछ बाते अच्छी नहीं लगती,  पर वे किसी से कहती नहीं ,उन्ही एहसासों को इकट्ठा करके एक कविता लिखी है।*

  

💐 *" मुझे अच्छा नही लगता"*   💐

 

*मैं रोज़ खाना पकाती हूं,*

*तुम्हे बहुत प्यार से खिलाती हूं,*

*पर तुम्हारे जूठे बर्तन उठाना*

*मुझे अच्छा नही लगता।* 😢


*कई वर्षो से हम तुम साथ रहते है, लाज़िम है कि कुछ मतभेद तो होगे,*

*पर तुम्हारा बच्चों के सामने चिल्लाना मुझे अच्छा नही लगता।* 😢


*हम दोनों को ही जब किसी फंक्शन मे जाना हो,*

*तुम्हारा पहले कार मे बैठ कर यू हार्न बजाना*

*मुझे अच्छा नही लगता।* 😢


*जब मै शाम को काम से थक कर घर वापस आती हूँ*

*तुम्हारा गीला तौलिया बिस्तर से उठाना*

*मुझे अच्छा नही लगता।*😢


*माना कि अब बच्चे हमारे कहने में नहीं है,*

*पर उनके बिगड़ने का सारा* *इल्ज़ाम मुझ पर लगाना*

*मुझे अच्छा नही लगता।*😢


*अभी पिछले वर्ष ही तो गई थी,*

*यह कह कर तुम्हारा,*

*मेरी राखी डाक से भिजवाना*

*मुझे अच्छा नही लगता।*😢


*पूरा वर्ष तुम्हारे साथ ही तो रहती हूँ,*

*पर तुम्हारा यह कहना कि,*

*ज़रा मायके से जल्दी लौट* *आना*

*मुझे अच्छा नही लगता।*😢


*तुम्हारी माँ के साथ तो*

*मैने इक उम्र गुजार दी,*

*मेरी माँ से दो बातें करते*

*तुम्हारा हिचकिचाना*

*मुझे अच्छा नहीं लगता।* 😢


*यह घर तेरा भी है हमदम,*

*यह घर मेरा भी है हमदम,*

*पर घर के बाहर सिर्फ*

*तुम्हारा नाम लिखवाना*

*मुझे अच्छा नही लगता।*😢


*मै चुप हूँ कि मेरा मन उदास है,*

*पर मेरी खामोशी को तुम्हारा,*

*यू नज़र अंदाज कर जाना*

*मुझे अच्छा नही लगता।* 😢


*पूरा जीवन तो मैने ससुराल में गुज़ारा है,*

*फिर मायके से मेरा कफन मंगवाना*

*मुझे अच्छा नहीं लगता।*😢


🙋🏻‍♂️ *सभी महिलाओं को  समर्पित* 🤷🏻‍♂️

💃🌹💃🌹💃🌹💃🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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