पहले भटूरे को फुलाने के लिये उसमें ENO डालिये…!!
*फिर भटूरे से फूले पेट को पिचकाने के लिये ENO पीजिये….!!!*
*जीवन के कुछ गूढ़ रहस्य आप कभी नहीं समझ पायेंगे…!!*
*पांचवीं तक स्लेट की बत्ती को जीभ से चाटकर कैल्शियम की कमी पूरी करना हमारी स्थाई आदत थी - लेकिन इसमें पापबोध भी था कि कहीं विद्यामाता नाराज न हो जायें...!!!*☺️
*पढ़ाई के तनाव हमने पेन्सिल का पिछला हिस्सा चबाकर मिटाया था...!!*😀
*पुस्तक के बीच पौधे की पत्ती और मोरपंख रखने से हम होशियार हो जाएंगे... ऐसा हमारा दृढ विश्वास था l*😀
*कपड़े के थैले में किताब-कॉपियां जमाने का विन्यास हमारा रचनात्मक कौशल था...!!!☺️*🙏🏻
*हर साल जब नई कक्षा के बस्ते बंधते तब कॉपी किताबों पर जिल्द चढ़ाना हमारे जीवन का वार्षिक उत्सव मानते थे...!!!*☺️
*माता - पिता को हमारी पढ़ाई की कोई फ़िक्र नहीं थी - न हमारी पढ़ाई उनकी जेब पर बोझा थी...*☺️💕
*सालों साल बीत जाते पर - माता - पिता के कदम हमारे स्कूल में न पड़ते थे...!!!*😀
*एक दोस्त को साईकिल के बिच वाले डंडे पर और दूसरे को पीछे कैरियर पर बिठा हमने कितने रास्ते नापें हैं…, यह अब याद नहीं बस कुछ धुंधली सी स्मृतियां हैं...!!!*💕
*स्कूल में पिटते हुए और मुर्गा बनते हमारा ईगो हमें कभी परेशान नहीं करता था l दरअसल हम जानते ही नही थे कि ईगो होता क्या है❓️*💕
*पिटाई हमारे दैनिक जीवन की सहज सामान्य प्रक्रिया थी l*😰😀
*पीटने वाला और पिटने वाला दोनो खुश थे l*🙃😁😀
*पिटने वाला इसलिए कि हमे कम पिटे — पीटने वाला इसलिए खुश होता था कि हाथ साफ़ हुवा ...!!!*😀😁😇😉
*हम अपने माता - पिता को कभी नहीं बता पाए कि हम उन्हें कितना प्यार करते हैं — क्योंकि हमें "आई लव यू" कहना - आता ही नहीं था....!!!*
😰😀💕
*आज हम गिरते-सम्भलते, संघर्ष करते-2 दुनियां का हिस्सा बन चुके हैं, कुछ मंजिल पा गये हैं तो कुछ न जाने कहां खो गए हैं....!!!*😰☺️😶🌫️
*हम दुनिया में कहीं भी हों लेकिन यह सच है, हमे हकीकतों ने पाला है, हम सच की दुनियां में थे....!!!*😌😰🙂😋🤨🧐😉😕😨
*कपड़ों को सिलवटों से बचाए रखना और रिश्तों को औपचारिकता से बनाए रखना हमें कभी आया ही नहीं... इस मामले में हम सदा मूर्ख ही रहे....!!!*
😇😊🙂🙃😰
*अपना अपना प्रारब्ध झेलते हुए हम आज भी ख्वाब बुन रहे हैं, शायद ख्वाब बुनना ही हमें जिन्दा रखे है - वरना जो जीवन हम जीकर आये हैं - उसके सामने यह वर्तमान कुछ भी नहीं....!!!*
😅😀😃😊😌😰
*हम अच्छे थे या बुरे थे - पर हम सब साथ थे l काश वो समय फिर लौट आए....!!!*
😰😰
*"एक बार फिर अपने बचपन के पन्नो को पलटिये, सच में फिर से जी उठेंगे…..!!!”...💕*
*और अंत में…...*
*हमारे पिताजी के समय में दादाजी गाते थे.…*
*मेरा नाम करेगा रोशन जग में मेरा राज दुलारा….*💕
*हमारे ज़माने में हमने गाया.....*
*पापा कहते है बड़ा नाम करेगा…*💕
*अब हमारे बच्चे गा रहे हैं..….*
*बापू सेहत के लिए ... तू तो हानिकारक है….!!!*😰😰😘😇🤨🥵🤔🤫
*सही / वास्तव में हम कहाँ से कहाँ आ गए.….!!!???*😰😕😋
*एक बार मुड़ कर तो देखिये ... दोस्त !!!*😊😇🤔🤨😌🙃🙂
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें