गुरुवार, 13 जनवरी 2022

जीवन सार

पहले भटूरे को फुलाने के लिये उसमें ENO डालिये…!!


*फिर भटूरे से फूले पेट को पिचकाने के लिये ENO पीजिये….!!!*


*जीवन के कुछ गूढ़ रहस्य आप कभी नहीं समझ पायेंगे…!!*


*पांचवीं तक स्लेट की बत्ती को जीभ से चाटकर कैल्शियम की कमी पूरी करना हमारी स्थाई आदत थी - लेकिन इसमें पापबोध भी था कि कहीं विद्यामाता नाराज न हो जायें...!!!*☺️


*पढ़ाई के तनाव हमने पेन्सिल का पिछला हिस्सा चबाकर मिटाया था...!!*😀


*पुस्तक के बीच पौधे की पत्ती और मोरपंख रखने से हम होशियार हो जाएंगे... ऐसा हमारा दृढ विश्वास था l*😀


*कपड़े के थैले में किताब-कॉपियां जमाने का विन्यास हमारा रचनात्मक कौशल था...!!!☺️*🙏🏻


*हर साल जब नई कक्षा के बस्ते बंधते तब कॉपी किताबों पर जिल्द चढ़ाना हमारे जीवन का वार्षिक उत्सव मानते थे...!!!*☺️


*माता - पिता को हमारी पढ़ाई की कोई फ़िक्र नहीं थी - न हमारी पढ़ाई उनकी जेब पर बोझा थी...*☺️💕


*सालों साल बीत जाते पर - माता - पिता के कदम हमारे स्कूल में न पड़ते थे...!!!*😀


*एक दोस्त को साईकिल के बिच वाले डंडे पर और दूसरे को पीछे कैरियर पर बिठा हमने कितने रास्ते नापें हैं…, यह अब याद नहीं बस कुछ धुंधली सी स्मृतियां हैं...!!!*💕


*स्कूल में पिटते हुए और मुर्गा बनते हमारा ईगो हमें कभी परेशान नहीं करता था l दरअसल हम जानते ही नही थे कि ईगो होता क्या है❓️*💕


*पिटाई हमारे दैनिक जीवन की सहज सामान्य प्रक्रिया थी l*😰😀

*पीटने वाला और पिटने वाला दोनो खुश थे l*🙃😁😀

*पिटने वाला इसलिए कि हमे कम पिटे — पीटने वाला इसलिए खुश होता था कि हाथ साफ़ हुवा ...!!!*😀😁😇😉


*हम अपने माता - पिता को कभी नहीं बता पाए कि हम उन्हें कितना प्यार करते हैं — क्योंकि हमें "आई लव यू" कहना - आता ही नहीं था....!!!*

😰😀💕

*आज हम गिरते-सम्भलते, संघर्ष करते-2 दुनियां का हिस्सा बन चुके हैं,  कुछ मंजिल पा गये हैं तो कुछ न जाने कहां खो गए हैं....!!!*😰☺️😶‍🌫️


*हम दुनिया में कहीं भी हों लेकिन यह सच है,  हमे हकीकतों ने पाला है, हम सच की दुनियां में थे....!!!*😌😰🙂😋🤨🧐😉😕😨

*कपड़ों को सिलवटों से बचाए रखना और रिश्तों को औपचारिकता से बनाए रखना हमें कभी आया ही नहीं...  इस मामले में हम सदा मूर्ख ही रहे....!!!*

😇😊🙂🙃😰


*अपना अपना प्रारब्ध झेलते हुए हम आज भी  ख्वाब बुन रहे हैं,  शायद ख्वाब बुनना ही हमें जिन्दा रखे है - वरना जो जीवन हम जीकर आये हैं - उसके सामने यह वर्तमान कुछ भी नहीं....!!!*

😅😀😃😊😌😰


*हम अच्छे थे या बुरे थे - पर हम सब साथ थे l  काश वो समय फिर लौट आए....!!!*

😰😰

*"एक बार फिर अपने बचपन के पन्नो को पलटिये, सच में फिर से जी उठेंगे…..!!!”...💕*

  

*और अंत में…...*


*हमारे पिताजी के समय में दादाजी गाते थे.…*


*मेरा नाम करेगा रोशन जग में मेरा राज दुलारा….*💕


*हमारे ज़माने में हमने गाया.....*


*पापा कहते है बड़ा नाम करेगा…*💕


*अब हमारे बच्चे गा रहे हैं..….*


*बापू सेहत के लिए ... तू तो हानिकारक है….!!!*😰😰😘😇🤨🥵🤔🤫


*सही / वास्तव में हम कहाँ से कहाँ आ गए.….!!!???*😰😕😋


*एक बार मुड़ कर तो देखिये ... दोस्त  !!!*😊😇🤔🤨😌🙃🙂


🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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