सोमवार, 24 जनवरी 2022

आपकी जुबानी कायस्थ परिवार की कहानी

 सक्सेना के घर की रोटी,

श्रीवास्तव के घर की दाल।

छप्पन भोग में भी नही ऐसा कमाल।

अस्थाना के घर का अचार,

बदल देता है  सबका विचार।

सिन्हा  के घर  का पानी,

शुद्ध करे मीठी वाणी।

माथुर के घर के फल और फूल,

उतार देती है जन्मों -जन्मों की धूल।

भटनागर की छाया, बदल देती है  माया काया।

कुलश्रेष्ठ के घर का रायता, मिलती है चारों ओर से सहायता।

निगम के घर के आम, नई सुबह नई शाम। 

खरे के घर का हलवा, दिखाता है

हर मौके  पर जलवा।

वर्मा की सेवा, मिलता है मिश्री और मेवा। 


🌷 आप का कायस्थ  परिवार

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1 टिप्पणी:

  1. वाह बहुत खूब। कायस्थों का साथ बहुत ही नसीब वाले को ही मिलता है।

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