गुरुवार, 13 जनवरी 2022

*मकर संक्रांति2022* 🌞

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आप सभी को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं l


मकर संक्रांति 14 जनवरी 2022 को मनाई जाएगी. इस दिन सूर्य देव की उपासना का विशेष महत्व है. इसे उत्तरायणी के नाम से भी जाना जाता है.


 🌞  मकर संक्रांति मुहूर्त 


14 जनवरी को सूर्यदेव का राशि परिवर्तन यानी सूर्य का मकर राशि में गोचर दोपहर 02 बजकर 43 मिनट पर होगा।  इस वजह से 14 जनवरी को गंगा स्नान और सूर्य देव की पूजा का समय सुबह 08 बजकर 43 मिनट से प्रारंभ कर सकते है।


मकर संक्रांति का पुण्य काल: दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 45 मिनट तक 


मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बनाने और खाने का खास महत्व होता है. इसी कारण इस पर्व को कई जगहों पर खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है. संक्रांति के दिन भगवान सूर्य उत्तरायण हो जाएंगे. सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे.


🌞मकर संक्रांति के दिन क्या करें ?


1. इस दिन प्रातःकाल स्नान कर लोटे में लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें.

2. सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें. श्रीमदभागवद के एक अध्याय का पाठ करें या गीता का पाठ करें.

3. नए अन्न, कम्बल, तिल और घी का दान करें.

4. भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनाएं.

5. भोजन भगवान को समर्पित करके प्रसाद रूप से ग्रहण करें.  

6. संध्या काल में अन्न का सेवन न करें.

इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को बर्तन समेत तिल का दान करने से शनि से जुड़ी हर पीड़ा से मुक्ति मिलती है.


🌞 मकर संक्रांति पर जपे सूर्य मंत्र


मकर संक्रांति पर सूर्यदेव उत्तरायण होते हैं। शास्त्रों में उत्तरायण को देवताओं का दिन कहा जाता है। इस दिन सभी तरह के शुभ कार्य दोबारा से आरंभ हो जाते हैं। ऐसे में इस दिन गंगा स्नान, दान और सूर्य उपासना जरूर करना चाहिए। स्नान के बाद सूर्यदेव को ॐ सूर्याय नम:, ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः, ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर: का जाप करते हुए अर्घ्य दें।


  🌞  मकर संक्रांति पूजा विधि 

मकर संक्रांति पर सुबह जल्दी उठकर अपने पास स्थित किसी पवित्र नदी में जाकर स्नान करें। फिर इसके बाद साफ वस्त्र पहनकर तांबे के लोटे में पानी भर लें और उसमें काला तिल, गुड़ का छोटा सा टुकड़ा और गंगाजल लेकर सूर्यदेव के मंत्रों का जाप करते हुए अर्घ्य दें। सूर्यदेव को अर्घ्य देने के साथ ही शनिदेव को भी जल अर्पित करें और शनि से जुड़े हुए मंत्रों का जाप करें। इसके बाद गरीबों को तिल और खिचड़ी का दान करें।


🌞मकर संक्रांति का महत्व :-


मकर संक्राति के दिन गंगा स्नान, व्रत, कथा, दान और भगवान सूर्यदेव की उपासना करने का विशेष महत्त्व है. इस दिन किया गया दान फलदायी होता है. इस दिन शनि देव के मंदिर

मै दीपक जलाना भी बहुत शुभ होता है.  यह समय नई फसल काटने का होता है. इसलिए किसान इस दिन को आभार दिवस के रूप में भी मनाते हैं. इस दिन तिल और गुड़ की बनी मिठाई बांटी जाती है. 


🌞संक्रांति से जुड़ी पौराणिक कथा:-


पौराणिक कथा के अनुसार मकर संक्रांति के दिन भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर असुरों का संहार कर उनके सिरों को काटकर मंदरा पर्वत पर फेंका था. लिहाजा भगवान की जीत को मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है. मकर संक्रांति से ही ऋतु में परिवर्तन होने लगता है. शरद ऋतु का प्रभाव कम होने लगता है और इसके बाद बसंत मौसम का आगमन हो जाता है. इसके फलस्वरूप दिन लंबे और रात छोटी होने लगती हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव अपने पुत्र शनिदेव के घर जाते हैं. ऐसे में पिता और पुत्र के बीच प्रेम बढ़ता है. ऐसे में भगवान सूर्य और शनि की अराधना शुभ फल देने वाला होता है l


🙏जय श्री हरि 🙏

                  🙏जय सूर्य देव 🙏

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