मंगलवार, 25 जनवरी 2022

अच्छा लगता है" / अनंग

"

रोते  हुए  बच्चे  को  हंसाना , अच्छा  लगता है। 

भूखों को  भरपेट खिलाना , अच्छा  लगता  है।।

दोस्त  हमारी   ताकत  हैं , मिलते  ही  रहते  हैं।

दुश्मन  को  भी  गले लगाना , अच्छा लगता है.।। 

मुझे  बुजुर्गों  के  जीवन से,सीख बहुत मिलती।

अंधे को घर तक  पहुंचाना , अच्छा  लगता  है।।

कब  कैसे  कोई  चुपके  से , मन  में बस जाता। 

फिर भी उनका आंख चुराना, अच्छा लगता  है।। 

दरबारों   में  डरकर  रहना , कायर का है काम।

खुलकर  सच्ची बात सुनाना , अच्छा लगता है।।

बड़ी मोहब्बत होती  है , मेहनतकश  लोगों  में।

ऐसे   लोगों  के  घर   जाना , अच्छा  लगता है।। 

झालर  - बत्ती  बाजारों  के , मुझे   नहीं   भाते।

दिवाली   में  दीप   जलाना , अच्छा  लगता  है।।

राजनीति   की  बातें   अब  , बेमानी  लगती  हैं।

बच्चों के संग दिल बहलाना,  अच्छा  लगता है।। 

जितना मन हो  उड़ते  जाओ , पर  वापस आना। 

घर-मंदिर खुशियों का खजाना,अच्छा लगता है।।......"अनंग "

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