शुक्रवार, 28 जनवरी 2022

ये ज़िन्दगी है प्यार / -किशोर कुमार कौशल

 ' ये ज़िन्दगी है प्यार /  -किशोर कुमार कौशल 

     

ये ज़िन्दगी है प्यार की 

तू हर बशर से प्यार कर


सवेरे तुझको राह में 

मिलेंगे अजनबी कई

तू मुस्कराता गाता चल 

कि ज़िन्दगी लगे नई

कहीं से कोई आएगा,

मिलेगा ख़ूब बाँह भर 

न ऐसी आस पाल तू,

न उसका इंतज़ार कर। 


तू हर बशर से प्यार कर 


चले थे शहंशाह कुछ 

भरे हुए गुमान में 

करेंगे राज ठाठ से 

डटे हुए जहान में 

मगर दिलों में प्यार के 

जला न पाए दीप कुछ

नहीं हुए सफल कभी

चले गए वे हार कर


तू हर बशर से प्यार कर 


ये ज़िन्दगी है कितने दिन 

किसी को भी नहीं पता 

तो किसलिए घमंड में 

तू घूमता है,यह बता

न कोई पास आएगा

जो साँस जाएगी निकल

बनेगा राख ये बदन 

रखा जिसे सँभालकर


तू हर बशर से प्यार कर


झगड़ रहे जो रात-दिन 

ज़मीन धन के वास्ते 

किये हैं बन्द धर्म के 

जिन्होंने नेक रास्ते 

उन्हें मिलेगा स्वर्ग क्या

जो बाँटते रहे सदा

जिन्हें बशर से प्यार की

समझ न आई उम्र भर 


तू हर बशर से प्यार कर 


यही कहा है वेद ने 

यही लिखा कुरान में 

नहीं है कोई  देवता 

कमी है हर इंसान में 

बनाया जिसने आदमी

बसाया जिसने ये जहाँ

उसी का मंत्र है यही

लुटा दे प्यार हर डगर


तू हर बशर से प्यार कर। 

 *  *  *  *  *  *  *  *  *

--- किशोर कुमार कौशल 

     28 जनवरी,2022

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