मंगलवार, 19 अक्तूबर 2021

कमलेश सिंघल द्वारा संकलित 11 लोकगीत


1.


राम और लछमन दोनों भैया दोनों ही वन को जायँ

हे जी कोई राम मिले भगवान -2

एक बन चाले, दो बन चाले, तीजे पै लगि आई प्यास 

हे जी कोई राम मिले भगवान -2

ना यहाँ कूआ, ना यहाँ जोहड़, ना यहाँ समंद तलाब 

हे जी कोई राम मिले भगवान -2

छोटा सा बच्चा जल भर लाया, पीओ सिरी भगवान 

हे जी कोई राम मिले भगवान -2

तेरे हाथ कौ बच्चा जल ना पीऊँ, पिता कौ नाम बताय 

हे जी कोई राम मिले भगवान -2

पिता अपने कौ नाम ना जानूँ, सीता मेरी माय  

हे जी कोई राम मिले भगवान -2

ले चल रे बच्चा वाई रे कुटरिया में, जामें तेरी माय 

हे जी कोई राम मिले भगवान -2

उठ ले री माता सिर नै ढक ले, बाहर खड़े भगवान 

हे जी कोई राम मिले भगवान -2

ऐसे पति कौ बच्चा मुख ना देखूँ, नाय दिखाऊँ आप  

हे जी कोई राम मिले भगवान -2

फट गयी धरती समा गई सीता, खड़े लखावैं भगवान 

हे जी कोई राम मिले भगवान -2


2


मेरे सिर पै बंटा-टोकनी, मेरे हाथ में नेजू-डोल, मैं पतली सी कामनी

एक राह मुसाफिर दूर के, छोरी एक घूँट नीर पिलाय, हम परदेसी दूर के,

छोरे ना मेरी डूबै बालटी,छोरे ना मेरा नवै सरीर, मैं पतली सी कामनी

मेरे सिर पै बंटा-टोकनी, मेरे हाथ में नेजू-डोल, मैं पतली सी कामनी

छोरे किसके हो तुम पावने, छोरे किसके हो लणिहार, मैं पतली सी कामनी

मेरे सिर पै बंटा-टोकनी, मेरे हाथ में नेजू-डोल, मैं पतली सी कामनी

छोरी बाप तेरे के पावने, छोरी तेरे सै लणिहार, हम परदेसी दूर के

छोरे इब मेरी डूबे बालटी, छोरे इब मेरा नवै सरीर, मैं पतली सी कामनी

मेरे सिर पै बंटा-टोकनी, मेरे हाथ में नेजू-डोल, मैं पतली सी कामनी


3


: सासुल पनिया कैसे जाऊँ रसीले दोउ नैना

रसीले दोउ नैना, रसीले दोउ नैना

सासुल पनिया कैसे जाऊँ रसीले दोउ नैना

तुम ओढो चटक चुनरिया सिर पै धर लो गागरिया 

छोटी नणदी ले जाओ साथ, रसीले दोउ नैना 

सासुल पनिया कैसे जाऊँ रसीले दोउ नैना

मैंने ओढ़ी चटक चुनरिया सिर धर लई नीर गगरिया 

छोटी नणदी ले लई साथ, रसीले दोउ नैना 

सासुल पनिया कैसे जाऊँ रसीले दोउ नैना

नन्दी बैठो कदम की छैयाँ, मैं भर लाऊँ ठंडा पनिया 

नणदी घर मत कहियौ जाय, रसीले दोउ नैना 

सासुल पनिया कैसे जाऊँ रसीले दोउ नैना 

मेरी नणदी असल छिनरिया, वा नै जाय सिखाइ अपनी मैया 

मैया भाभी के दो यार, रसीले दोउ नैना 

सासुल पनिया कैसे जाऊँ रसीले दोउ नैना 

फागन में ब्याह कराऊँ बैसाख मे गौना लाऊँ 

नणदी फिर ना लउँ तेरौ नाम, रसीले दोउ नैना 

सासुल पनिया कैसे जाऊँ रसीले दोउ नैना


4



 मेरा नौ डांडी का बीजणा, हे मेरा नौ डांडी का बीजणा 

मेरे सुसरे ने दिया घड़वाय, झणाझण बाजै बीजणा


मेरी सास कहे बहू पीस ले, मेरे राजा जी हिला गए हाथ,

छाले पड़ जा हाथ में, मेरा नौ डांडी का बीजणा


मेरे जेठ ने दिया घड़वाय, झणाझण बाजै बीजणा 

मेरी जेठाणी कहे बेबे छान ले, मेरे राजा जी हिला गए हाथ,

धौली हो जा चून में, मेरा नौ डांडी का बीजणा 

मेरे देवर ने दिया घड़वाय, झणाझण बाजै बीजणा

मेरी दौरानी कहे जीजी गूंध ले, मेरे राजा जी हिला गए हाथ,

उँगली मुड़ जा चून में, मेरा नौ डांडी का बीजणा

मेरे नणदोई ने दिया घड़वाय,झणाझण बाजै बीजणा

मेरी नणद कहे भाभी पोय ले, मेरे राजा जी हिला गए हाथ,

उँगली जल जा आग में

मेरा नौ डांडी का बीजणा, हे मेरा नौ डांडी का बीजणा

5


: कान्हा बरसाने में आ जइयो, बुला गई राधा प्यारी 

बुला गई राधा प्यारी, बुला गई राधा प्यारी

कान्हा बरसाने में आ जइयो, बुला गई राधा प्यारी

जब कान्हा तोहे भूख लगैगी -2

माखन मिसरी खा जइयो, बुला गई राधा प्यारी

कान्हा बरसाने में आ जइयो, बुला गई राधा प्यारी

जब कान्हा तोहे प्यास लगैगी -2

ठंडौ पानी पी जइयो, बुला गई राधा प्यारी

कान्हा बरसाने में आ जइयो, बुला गई राधा प्यारी

जब कान्हा तोहे ठण्ड लगैगी -2

काली कमलिया ले जइयो, बुला गई राधा प्यारी

कान्हा बरसाने में आ जइयो, बुला गई राधा प्यारी

जब कान्हा तोहे गरमी लगैगी -2

मोर कौ पंखा ले जइयो, बुला गई राधा प्यारी

कान्हा बरसाने में आ जइयो, बुला गई राधा प्यारी

जब कान्हा तोहे नींद लगैगी -2

झालर तकिया ले जइयो, बुला गई राधा प्यारी

कान्हा बरसाने में आ जइयो, बुला गई राधा प्यारी


6



: उठो-उठो दयानंद बीर भतेरे दिन सो लिए मेरे राम -2

दयानंद उठे ढड़ती सी रात, बनखंड की राही हो लिए मेरे राम

बनखंड के मा धौड़ी-धौड़ी गाय, आँसू तो गेरै मोरनी मेरे राम

तू क्यों रोवै धौड़ी-धौड़ी गाय, सेवा तो तेरी मैं करूं मेरे राम -2

सोने की तेरी सिंघनी घड़ाय, चाँदी की तेरी बिजनखुरी मेरे राम

रहने को तोकू गउशाला बनवाय, खाने को तोकू दाल चने की हो राम

जीवै-जीवै दयानंद तेरे पूत, सेवा तो तैने बहुत करी मेरे राम -2

उठ-उठ दयानंद बीर भतेरे दिन सो लिए मेरे राम


7



मनिहारे का भेस बनाया, स्याम चूड़ी बेचने आया -2

झोली कंधे धरी उसमें चूड़ी भरी -2

गलियों में शोर मचाया, स्याम चूड़ी बेचने आया 

छलिया का भेस बनाया, स्याम चूड़ी बेचने आया 

राधा ने सुनी ललिता से कही -2

मोहन को तुरत बुलाया, स्याम चूड़ी बेचने आया 

मनिहारे का भेस बनाया, स्याम चूड़ी बेचने आया -2

चूड़ी लाल नहीं पहरूँ, चूड़ी हरी नहीं पहरूँ

मुझे स्याम रंग है भाया, स्याम चूड़ी बेचने आया 

राधा पहरन लगी, स्याम पहराने लगे -2

राधा ने हाथ बढाया, स्याम चूड़ी बेचने आया 

राधा कहने लगी तुम हो छलिया बड़े 

धीरे से हाथ दबाया, स्याम चूड़ी बेचने आया 

मनिहारे का भेस बनाया, स्याम चूड़ी बेचने आया -2

छलिया का भेस बनाया, स्याम चूड़ी बेचने आया -2


8



अरी मै तो ओढ़ चुनरिया जाऊँगी मेले में

अरे मेरे बाँके साँवरिया मिलियौ अकेले में

सास मेरी त्योहारों के दिन गीलौ गोबर पथवावै

बर्तन भांडे चूल्हा चौका अरी जी गोबर पथवावै

हे री मेरा जी घबरावै घर के झमेले में

अरी मैं तो ओढ़ चुनरिया जाऊँगी मेले में

अरे मेरे बाँके साँवरिया मिलियौ अकेले में

चार पैसे की बिंदिया खरीदी दो पैसे का सुरमा

हलवा पूरी खाई मुफत में,मुफत में खाया खुरमा

अरी मैंने पान चबाया खोटे से धेले में

अरी मैं तो ओढ़ चुनरिया जाऊँगी मेले में

अरे मेरे बाँके साँवरिया मिलियौ अकेले में

रथ में ना बैठूँ मोटर में ना बैठूँ

अरी मैं तो सैर करूँगी बैठ के ठेले में

अरी मैं तो ओढ़ चुनरिया जाऊँगी मेले में

अरे मेरे बाँके साँवरिया मिलियौ अकेले में


9



दधि-माखन कौ चोर पकड़ लियौ राधे नै -2

चोरी करने गए बरसाने -2

वहाँ पै हो गयी भोर, पकड़ लियौ राधे नै

दधि-माखन कौ चोर पकड़ लियौ राधे नै

चोर-चोर सब कोई चिल्लावैं -2

ये तो निकरौ नन्दकिसोर, पकड़ लियौ राधे नै

दधि-माखन कौ चोर पकड़ लियौ राधे नै

कोई सखी मारै कोई धमकावै -2

दियौ राधे ने झकझोर, पकड़ लियौ राधे नै 

दधि-माखन कौ चोर पकड़ लियौ राधे नै

अबकी बार बचा लै राधे -2

फिर ना आउँ तेरी ओर, पकड़ लियौ राधे नै

दधि-माखन कौ चोर पकड़ लियौ राधे नै


10




मन्नै आवै हिचकी, परदेस गए बालम की याद सतावै हिचकी 

मन्नै आवै हिचकी, परदेस गए बालम की याद सतावै हिचकी

सुनो सहेली बात मेरी, मैं बात कहूँ सूँ साँच-2 

इब कै बालम घर आजा, मैं हँस-हँस कर ल्यूँ बात 

मन्नै आवै हिचकी, परदेस गए बालम की याद सतावै हिचकी 

म्हारे आँगन बेरनी रे, उस पै बोल्या काग-2 

सोने की तेरी चोंच मढा दूँ, पिया बुला दे आज  

मन्नै आवै हिचकी, परदेस गए बालम की याद सतावै हिचकी 

उड़ उड़ काग मँडेरे तै, साजन का बेरा ल्या-2 

मेरा हिया उमगता आवै सै, मेरी हिचकी बढती जा 

मन्नै आवै हिचकी, परदेस गए बालम की याद सतावै हिचकी 

म्हारे आँगन बेरनी के मीठे-मीठे बेर

इबके बालम घर आजा मैं नहीं जाण दूँ फेर 

मन्नै आवै हिचकी, परदेस गए बालम की याद सतावै हिचकी 

सुनो सहेली बात मेरी मैं बात कहूँ सूँ साँच-2 

इबके बालम घर आजा मैं भेल्ली बाँटू पाँच 

मन्नै आवै हिचकी, परदेस गए बालम की याद सतावै हिचकी



11




: पानी में लहरें ले रही राजा बेल सिंघाड़े की 

हाय, पानी में लहरें ले रही राजा बेल सिंघाड़े की 

बिंदी बनवा दे चाहे टीका बनवा दे

अब चाहे सोने में लदवा दे, राजा अब नहीं बचने की 

पानी में लहरें ले रही राजा बेल सिंघाड़े की 

चूड़ी बनवा दे चाहे कंगन बनवा दे

अब चाहे सोने में लदवा दे, राजा अब नहीं बचने की 

पानी में लहरें ले रही राजा बेल सिंघाड़े की 

बाली बनवा दे चाहे झुमके बनवा दे

अब चाहे सोने में लदवा दे, राजा अब नहीं बचने की 

पानी में लहरें ले रही राजा बेल सिंघाड़े की 

कालर बनवा दे चाहे पैंडल बनवा दे

अब चाहे सोने में लदवा दे, राजा अब नहीं बचने की 

पानी में लहरें ले रही राजा बेल सिंघाड़े की 

तगड़ी घड़वा दे चाहे गुच्छा घड़वा दे

अब चाहे सोने में लदवा दे, राजा अब नहीं बचने की 

पानी में लहरें ले रही राजा बेल सिंघाड़े की 

चुटकी घड़वा दे चाहे पायल घड़वा दे

अब चाहे सोने में लदवा दे, राजा अब नहीं बचने की 

पानी में लहरें ले रही राजा बेल सिंघाड़े की


कमलेश सिंघल द्वारा संकलित सम्पादित  लोक गीत संग्रह लोकगीत मंजरी  से साभार 🙏🏿🙏🏿



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

किशोर कुमार कौशल की 10 कविताएं

1. जाने किस धुन में जीते हैं दफ़्तर आते-जाते लोग।  कैसे-कैसे विष पीते हैं दफ़्तर आते-जाते लोग।।  वेतन के दिन भर जाते हैं इनके बटुए जेब मगर। ...