शुक्रवार, 15 अक्तूबर 2021

रावण_ऐसे_नहीं_मरेगा / प्रवीण परिमल

 

चाहे जैसी जुगत लगा लो ,

काटोगे सिर , फिर उभरेगा ।

नहीं मरेगा , नहीं मरेगा ,

रावण ऐसे नहीं मरेगा ।।


आग लगाओ डाल किरासन

जला नहीं पाओगे आसन ।

कोशिश है बेकार तुम्हारी ,

' फायर - प्रूफ ' बना सिंहासन ।


बहुत बड़ा मायावी है वह ,

जैसा चाहे रूप धरेगा ।

रावण ऐसे नहीं मरेगा !


छल - बल से जो कुर्सी पाए ,

नैतिकता के पाठ पढ़ाए ।

लेकिन मौका मिलते ही वो

पूरा मुल्क हजम कर जाए ।


काम अनैतिक करने वाला ,

सत्य - धर्म की बात करेगा ।

रावण ऐसे नहीं मरेगा !


अफसर , थानेदार , कलेक्टर

लूट रहे हैं , देखो जमकर ।

अभयदान हासिल है , क्योंकि --

हिस्सा लेते बाँट मिनिस्टर ।


' जिसकी लाठी , भैंस उसी की ' --

इस कथनी को सत्य करेगा ।

रावण ऐसे नहीं मरेगा !


गुंडागर्दी , टैक्स - उगाही...

झेल अयोध्या रही तबाही ।

हक हासिल छुट्टे साँढ़ों को ,

सारी धरती करें दमाही ।


अश्वमेध का घोड़ा ठहरा ,

खुल्लम - खुल्ला खेत चरेगा ।

रावण ऐसे नहीं मरेगा !


देख , हवस में आनन - फानन

हावी सब पर हुआ दशानन ।

पत्थर का इंसान हुआ है ,

सत्ता - सुख पाने के कारण ।


अपनी कोठी भरने वाला ,

जनता की परवाह करेगा ?

रावण ऐसे नहीं मरेगा !


सुनो , नाभि में अमृत जबतक ,

नहीं पराजित होगा तबतक ।

दैत्य न ऐसे मरने वाला ,

लहू पिलाओगे तुम कबतक ?


असुरशक्ति का स्वामी आखिर...

कुछ तो लीला और करेगा ।

रावण ऐसे नहीं मरेगा !


हममें , तुममें , उसमें बैठा ,

छद्म अहं के कारण ऐंठा ।

रावण धरकर रूप अनेकों ,

सबके भीतर गहरे पैठा ।


पहले अपने भीतर कोई

यदि रावण - वध नहीं करेगा ,

बाहर रावण नहीं मरेगा !!......


चाहे जैसी जुगत लगा लो ,

काटोगे सिर , फिर उभरेगा ।

नहीं मरेगा , नहीं मरेगा ,

रावण ऐसे नहीं मरेगा  !!

ऐसे रावण नहीं मरेगा !!!


#प्रवीण_परिमल

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