भक्ति गीत
(तर्ज---भर दे झोली मेरी वो मुहम्मद, द्वार से वरना जाऊंँगा खाली )
तेरी विनती करूँ मैं भवानी
तेरे चरणों में मस्तक झुकाकर
मेरी नईया भँवर में पडी़ है
कोई किनारा दिखा दे तु आकर
आजा तेरी जरूरत है मुझको
खुद को तेरे हवाले किया है
जो भी पाया है मैने तुम्ही से
मेरा जीवन तुम्ही का दिया है
मेरी भक्ति में शक्ति अगर है
तो माँ मुझको दिखादे बचाकर
तेरी विनती------------------
तेरे चरणों में-----------------
तेरे दर पे जो मस्तक झुकाया
बीना मांगे ही सबकुछ वो पाया
तुने ममता माँ जिसपर दिखाया
पाया रिश्ता वो जो था भूलाया
माता अब तो तु ले ले शरण में
अपने आँचर मे मुझको छुपाकर
तेरी विनती--------------------
तेरे चरणों----------------------
जिसनें धरती पर मस्तक उठाया
किया दुष्टों का तुमने सफाया
जब जब आया है संकट धरा पर
अपने भक्तों को तुमने बचाया
नहीं अपना कोई भी है मेरा
मुझे रख ले माँ बेटा बनाकर
तेरी विनती-----------------
तेरे चरणों में----------------
मेरी नईया -----------------------
कोई किनारा------------------
प्रेम शंकर प्रेमी ( रियासत पवई )
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