बुधवार, 13 अक्टूबर 2021

-मेरे पिता / डॉ बृजेंद्र नारायण द्विवेदी शैलेश

 

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 मेरे पिता, देवता मेरे ईश्वरके वरदान हैं।

जीवन के हर एक पड़ाव पर देते हमको ज्ञान हैं।।


छोटी रही उम्र जब अपनी ,उंगली पकड़ चलाए थे।

 राजा बेटा खूब पड़ेगा जोर जोर से गाए थे ।।

उनका आशीर्वाद मिला ,हम बने आज इंसान हैं ।।

मेरे पिता देवता मेरे ईश्वर के वरदान हैं।।1

 सुख से हम सब

 रहते हैं 

वह शीतल बरगद छाया हैं ।

प्राण देह में हम उनके , वह सबल हमारी काया हैं ।

उनकी शिक्षा सुरक्षा पर नित करते अभिमान हैं।। 

मेरे पिता देवता मेरे ईश्वर के वरदान हैं ।। 2

जन्म से लेकर ,अब तक हम को पाले पोसे बड़ा किए।

 दिए सहारा मन वाणी ,,कर्मों से हमको खड़ा किए ।

वर्तमान अस्तित्व हमारा उनकी ही पहचान है ।।

मेरे पिता देवता मेरे ईश्वर के वरदान हैं ।।3

जब भी प्रगति मार्ग को हमने ,चुना सहारा बने सदा। आवश्यकता पड़ी विमर्श से सहयोगी  वह हुए सदा ।

जीवन पथ पर कभी नहीं वे आने दिए व्यवधान हैं ।।

मेरे पिता देवता मेरे ईश्वर के वरदान हैं।।4

 पिता ही हैं परिवार हमारे ,सारे गुणों की खान है ।

इसीलिए सारे घरवाले देते उन्हें सम्मान हैं ।।

मिलते सभी प्रेम 

 सबके लिए ही वह आसान है ।।

मेरे पिता देवता मेरे ,ईश्वर के वरदान हैं ।।5


**डॉ बृजेंद्र नारायण द्विवेदी शैलेश

वाराणसी 94 50 18 6712🙏🙏🌻🌻🌻

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